अमेरिका: शटडाउन के चलते एक लाख से ज़्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर ख़तरा
डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने बुधवार को एक मेमो जारी किया है, जिसमें एजेंसियों को हिदायत दी गई है कि अगर ख़र्चे के प्लान पर चल रही दोनों पार्टियों की रस्साकशी किसी नतीजे तक नहीं पहुँची, तो बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को निकालने की तैयारी करें। अब हज़ारों फ़ेडरल कर्मचारी ‘डिफ़र्ड रेज़िग्नेशन प्रोग्राम’ के तहत नौकरी छोड़ने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं, जो अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी सामूहिक छुट्टी (Mass Resignation) साबित हो सकती है।
ट्रंप इस संकट से अनजान नहीं हैं। साल 2018 में जब पिछला शटडाउन हुआ था, तब भी वही राष्ट्रपति थे। वह बंदिश 35 दिन तक चली थी और इसके नतीजे में बड़े पैमाने पर रुकावटें और आर्थिक नुक़सान हुआ था। उस वक़्त लगभग 3.8 लाख फ़ेडरल कर्मचारियों को अस्थायी रूप से घर भेज दिया गया था, जबकि 4.2 लाख कर्मचारियों को बिना वेतन के काम जारी रखने पर मजबूर किया गया था। लेकिन इस बार के ताज़ा ऐलान पिछली सरकारी नीति से एक बड़े बदलाव की तरफ़ इशारा कर रहे हैं, जो फ़ेडरल स्टाफ़ को नाटकीय रूप से कम करने की व्यापक कोशिश का हिस्सा है।
यह तब हो रहा है जब इसी साल की शुरुआत में निकाले गए सैकड़ों कर्मचारियों को दोबारा बुलाया गया था। इन कर्मचारियों को 2025 की शुरुआत में उस वक़्त हटाया गया था जब एलन मस्क ने ‘डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट परफ़ॉर्मेंस’ के तहत सख़्त खर्चों में कटौती की मुहिम चलाई थी।
क्या शटडाउन वाक़ई होने वाला है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हफ़्ते ज़्यादातर मौकों पर ज़ोर देकर कहा है कि शटडाउन तय है क्योंकि डेमोक्रेट्स पागल हो चुके हैं। अब तक क़ानून बनाने वाले नए फ़ाइनेंशियल ईयर (जो बुधवार से शुरू होगा) के लिए फंडिंग पर सहमति नहीं बना पाए हैं। राष्ट्रपति ने पहले ही एक हाई लेवल मीटिंग रद्द कर दी थी जिसमें अमेरिकी कांग्रेस के बड़े डेमोक्रेट नेता शामिल होने वाले थे — उनका कहना था कि ऐसा सत्र “किसी भी तरह नतीजे देने वाला नहीं हो सकता।”
शुक्रवार को उन्होंने फिर कहा: “कट्टरपंथी लेफ़्ट डेमोक्रेट्स सरकार को बंद करना चाहते हैं। अगर इसे बंद होना है तो हो जाए, लेकिन सरकार को बंद करने वाले वही हैं।” बाद में व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति ट्रंप सोमवार को कांग्रेस के डेमोक्रेट और रिपब्लिकन नेताओं से मुलाक़ात करेंगे ताकि 30 सितंबर की डेडलाइन से पहले सरकारी फंडिंग पर बातचीत हो सके।
ट्रंप सरकार की ‘बैक डोर’ फंडिंग कटौती
सरकार के शटडाउन में सिर्फ़ तीन दिन बचे हैं और इस बीच फ़ेडरल खर्चों की निगरानी करने वाले एक वक़ीलों के ग्रुप ने चेतावनी दी है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए कांग्रेस द्वारा मंज़ूर की गई लगभग 8 अरब डॉलर की रक़म ख़तरे में है, जो शायद इस्तेमाल ही न हो सके। यह फंडिंग राष्ट्रपति ट्रंप की सरकार ने रोक रखी है। लीगल ग्रुप Protect Democracy ने कहा कि ये संभावित “बैक डोर कटौतियां” इस बात की मिसाल हैं कि व्हाइट हाउस किस तरह सरकार को दोबारा आकार देने की कोशिश में कांग्रेस से तय हुए समझौतों को नज़रअंदाज़ कर रहा है, जबकि अमेरिकी संविधान के अनुसार खर्च पर पूरा अधिकार कांग्रेस को है।


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