भाजपा से गठबंधन हमारी मजबूरी नहीं: दुष्यंत चौटाला

भाजपा से गठबंधन हमारी मजबूरी नहीं: दुष्यंत चौटाला

हरियाणा: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला और हरियाणा बीजेपी प्रभारी विप्लब देव के बयानों को देखने के बाद आसानी से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि दोनों पार्टियों के आपसी रिश्ते पहले की तरह मधुर नहीं हैं। हरियाणा में बीजेपी और जन नाइक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में दरार की खबरें आ रही हैं। जेजेपी में जारी खींचतान के बीच उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान सामने आया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन बरक़रार रखना हमारी कोई मजबूरी नहीं है। राज्य में स्थिर सरकार चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा-जजपा ने गठबंधन किया था। गठबंधन बनाने की कोई मजबूरी नहीं थी, अगर आपस में कड़वाहट हुई तो हम अलग हो जाएंगे। हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसी भी तरह के मतभेद से इंकार किया है।

ज्ञात हो कि हरियाणा बीजेपी प्रभारी विप्लब देव ने जेजेपी के बारे में कहा था कि जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन देकर कोई अहसान नहीं किया है। बदले में उनके विधायक को मंत्री बनाया गया है। अब दुष्यंत चौटाला ने विप्लब देव के बयान पर इन्हीं शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी है। गौरतलब हो कि हरियाणा के चार निर्दलीय विधायकों ने आठ जून को प्रदेश भाजपा प्रभारी विप्लब देव से मुलाकात की थी, जिसके बाद से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से अपना गठबंधन तोड़ सकती है।

इन निर्दलीय विधायकों में धर्मपाल गोविंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान शामिल हैं। आजाद विधायकों से मुलाकात के बाद बिप्लब देब ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी के सक्षम नेतृत्व में देश और प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए सभी प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा सिरसा के विधायक गोपाल कांडा ने भी शुक्रवार को विप्लब देव से मुलाकात की है। जिसके बाद अब बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटने की खबरों ने जोर पकड़ लिया है। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि कोई समस्या नहीं है और दोनों दल मिलकर सरकार चला रहे हैं।

हरियाणा में अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कुछ बातें चुनाव को ध्यान में रखकर कही जाती हैं जिन पर टिप्पणी नहीं की जा सकती। हमारा गठबंधन केवल चुनावी गठबंधन नहीं था, गठबंधन करना दोनों पार्टियों के लिए ज़रूरी था, इस लिए किया गया था। और इसे राजनीति के लिए बल्कि जनहित के लिए किया गया था। इसलिए इस पर ज़्यादा टिप्पड़ी करना उचित नहीं है।

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