शरद पवार के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से पहले अजित पवार ने दाखिल किया कैविएट
महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का भी बंटवारा हो गया है। चुनाव आयोग (EC) ने 6 फरवरी को महाराष्ट्र सरकार में शामिल अजित पवार गुट को असली NCP बताया। आयोग ने पार्टी का नाम NCP और चुनाव चिह्न घड़ी अजित गुट को दे दिया। आयोग के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र में शरद पवार के गुट ने फैसले पर नाराजगी जताई है।
बताया जा रहा है कि विपक्ष इस मुद्दे पर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। हालांकि, इससे पहले ही अजित पवार गुट ने बुधवार को कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी। उनकी तरफ से मांग की गई है कि विपक्ष की तरफ से मामले में दायर किसी भी याचिका पर उन्हें भी सुना जाए।
चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है। आयोग ने कहा है कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की। इस पर अजित पवार ने कहा- लोकतंत्र में बहुमत को महत्व दिया जाता है। इसलिए चुनाव आयोग ने हमें NCP नाम और चुनाव चिह्न दिया है।
आयोग ने अपने फैसले में बताया कि एनसीपी किसकी हो, इसका निर्णय लेने से पहले तमाम मामलों पर बारीकी से गौर किया। इसमें पार्टी के तीन टेस्ट का परीक्षण भी किया गया। पार्टी के संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का टेस्ट, पार्टी के संविधान का टेस्ट और संगठनात्मक और विधायी दोनों के बहुमत के परीक्षण।
चुनाव आयोग ने शरद पवार को अपने नए राजनीतिक दल के लिए आज शाम 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा है। शरद पवार गुट तय समय सीमा तक तीन नाम देने में असफल रहता है तो उनके गुट के सदस्यों को निर्दलीय चुनाव लड़ना होगा।