जल्द हो सकती है इज़रायली बंधकों को छोड़ने की डील: बाइडेन

जल्द हो सकती है इज़रायली बंधकों को छोड़ने की डील: बाइडेन

इज़रायल पर हमास के मुजाहिदीन ने 7 अक्टूबर को बड़े हमले को अंजाम दिया था, और क़रीब 240 लोगों को वह बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे। 7 अक्टूबर के बाद से बंधकों को छुड़ाने और हमास की ताकत खत्म करने के लिए इज़रायल लगातार ग़ाज़ा पट्टी में हमले कर रहा है। उसके हमलों में 13 हजार से ज्यादा बेगुनाह, बेक़सूर और आम लोग भी मारे गए जिनमे 6000 हज़ार से ज़्यादा बच्चे मारे गए, लेकिन इन सब के बावजूद वह बंधकों को मुक्त नहीं करा सका है।

लेकिन अब क़तर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा है कि इज़रायल पर 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने की डील अब सिर्फ कुछ छोटे मुद्दों की वजह से रुकी है। अल थानी ने यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बातचीत में जो चुनौतियां हैं। वे बड़ी चुनौतियों की तुलना में बहुत छोटी हैं लेकिन वे काफी तार्किक और व्यावहारिक हैं। इनके भी जल्दी ही हल होने की उम्मीद है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़रायल, हमास के बीच युद्ध-विराम समझौते को लेकर मध्यस्थता क़तर द्वारा की जा रही है। हमास की राजनीतिक विंग का कार्यालय भी क़तर में मौजूद है। क़तर के पीएम ने रविवार को बताया कि हमास द्वारा अगवा इज़रायली बंधकों को छोड़ने और अल्पकालिक युद्ध-विराम का समझौता जल्द हो सकता है और यह कुछ मुद्दों को लेकर अटका हुआ है। सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इसके संकेत दिए। दरअसल जब उनसे पूछा गया कि क्या इज़रायली बंधकों को छोड़ने की डील जल्द हो सकती है तो इस पर बाइडन ने कहा कि ‘मुझे ऐसा ही लगता है।

वहीँ हमास के नेता इस्माइल हानियेह ने गुरुवार को दावा किया कि वह इज़रायल के साथ युद्धविराम समझौते के करीब हैं। हानियेह ने सोशल मीडिया पोस्ट टेलीग्राम पर यह बयान जारी किया है। बता दें कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी ऐसे संकेत दिए थे कि इज़रायलऔर हमास के बीच जल्द ही अगवा बंधकों को रिहा करने का समझौता हो सकता है। बता दें कि ग़ाज़ा में इज़रायल लगातार बमबारी कर रहा है जिसके कारण पूरा ग़ाज़ा बच्चों का क़ब्रिस्तान बन गया है। यहाँ तक कि इज़रायल ने अत्याचार की सीमा को लांघते हुए अस्पतालों पर भी हमले किए।

अल-शिफा अस्पताल ख़ाली कराए जाने के कारण 50 से ज़्यादा नवजात बच्चे मर गए। इज़रायल के इस अत्याचार में अमेरिका और यूरोप खुल कर उसका समर्थन कर रहे हैं। और उसे हर तरह की सहायता प्रदान कर रहे हैं, जबकि वहां की जनता लगातार इज़रायली अत्याचार के विरुद्ध प्रदर्शन कर रही है।

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