ईरान ने वैगनर समूह के विरुद्ध रूस का समर्थन किया
रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक ईरानी विदेश मंत्री ने रूस में अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव से चर्चा की और इस दौरान उन्होंने संवैधानिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए रूसी नेतृत्व के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
इस दौरान दोनों नेताओं ने रूसी-ईरानी एजेंडे, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर भी चर्चा की। रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने शुक्रवार को वैगनर ग्रुप के प्राइवेट सैन्य कंपनी (पीएमसी) के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की ओर से दिए गए बयानों पर सशस्त्र विद्रोह को उकसाने के लिए एक आपराधिक मामला शुरू।
वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार रात प्रमुख सरकारी विभागों के प्रमुखों के साथ एक विशेष बैठक की, जिसमें रूस की स्थिति पर चर्चा की गई। नेतन्याहू ने कहा कि वैगनर समूह से संबंधित घटनाएं रूस का आंतरिक मामला है, लेकिन इज़रायल घटनाक्रम पर नजर बनाए रखे हुए है।
एफएसबी ने कहा कि रूसी क्षेत्र पर तनाव बढ़ने का खतरा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में वैगनर समूह की कार्रवाइयों को सशस्त्र विद्रोह और देशद्रोह बताया और विद्रोहियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का वादा किया।
इसके बाद बेलारूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि श्री प्रिगोझिन ने रूस में वैगनर सैनिकों की आवाजाही को रोकने और स्थिति को शांत करने के लिए कदम उठाने के बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। श्री प्रिगोझिन ने बाद में जानकारी की पुष्टि करते हुए कहा कि वैगनर सैनिक अपने फील्ड शिविरों में वापस लौट रहे हैं।
दूसरी तरफ निकारागुआ के राष्ट्रपति डैनियल ओर्टेगा ने शनिवार की घटनाओं के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक पत्र में अपनी एकजुटता और समर्थन व्यक्त करते हुए कहा है कि रूसी सरकार और लोग रूस के चरित्र, पहचान, ज्ञान और ताकत के लिए चुनौती के क्षण का सामना कर रहे हैं।
हालांकि ताज़ा ख़बरों के अनुसार रूस और मिलिशिया नेता येवगेनी प्रिगोझिन के बीच समझौता हो गया है। प्रिगोझिन वैगनर समूह का चीफ है। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि येवगेनी प्रिगोझिन बेलारूस चले जाएंगे और उनके खिलाफ आपराधिक केस हटा दिया जाएगा।
बता दें कि वैगनर ने रातोंरात रूस में एक बड़ा विद्रोह शुरू कर दिया था, रोस्तोव-ऑन-डॉन शहर में दक्षिणी सैन्य जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कर लिया, साथ ही मास्को की ओर आगे बढ़ गए। प्रिगोझिन और बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच बातचीत के बाद शनिवार देर रात विद्रोह रोक दिया गया, जिसमें पीएमसी नेता अपनी इकाइयों को उनके “फील्ड शिविरों” में वापस करने पर सहमत हुए।