यमन का तेल अवीव पर मिसाइल हमला, 30 इज़रायली घायल
यमन से तेल अवीव पर दागी गई मिसाइल के कारण इज़रायल में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इज़रायली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 30 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। इसके साथ ही, इस हमले में भारी भौतिक नुकसान भी हुआ है।
मिसाइल हमले के प्रभाव
यह हमला उस समय हुआ जब तेल अवीव में आम नागरिक अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियों में व्यस्त थे। मिसाइल सीधे एक रिहायशी इमारत से टकराई, जिससे इमारत में आग लग गई। इस हमले से आसपास की इमारतों और वाहनों को भी गंभीर क्षति पहुंची। घायलों को तुरंत स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
रक्षा प्रणाली की विफलता
इज़रायली मीडिया ने बताया कि आयरन डोम और डेविड स्लिंग जैसे उन्नत रक्षा प्रणाली इस मिसाइल को रोकने में पूरी तरह विफल रहे। आमतौर पर यह सिस्टम इस तरह के मिसाइल हमलों को रोकने के लिए बनाया गया है, लेकिन इस बार दोनों ही प्रणाली हमले को रोकने में असफल साबित हुईं।
इज़रायली टीवी चैनल 12 के अनुसार, इज़रायली सेना ने इस विफलता के कारणों की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस हमले ने उनकी रक्षा प्रणाली की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यमन से बढ़ते खतरों की चेतावनी
इज़रायली रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला यमन की ओर से आने वाले खतरों की एक नई लहर का संकेत है। हाल के हफ्तों में यमन द्वारा इज़रायल पर हमले तेज़ किए गए हैं। इस हमले को इज़रायल के खिलाफ यमन की रणनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
इस हमले के बाद इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला” करार दिया। उन्होंने कहा कि इज़रायल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। वहीं, यमन के हूती समूह ने इस हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए इसे “इज़रायल के अत्याचारों के खिलाफ प्रतिशोध” बताया है।
यमन से हुए इस मिसाइल हमले ने इज़रायल की सुरक्षा व्यवस्था और क्षेत्रीय राजनीति में नए तनाव को जन्म दिया है। रक्षा विशेषज्ञ इस हमले को इज़रायल के लिए चेतावनी मान रहे हैं, जबकि क्षेत्रीय संघर्ष के और अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। यह घटना इज़रायल और यमन के बीच बढ़ते टकराव और मध्य पूर्व में बिगड़ते हालात का प्रतीक है।