बिना गोली चले, इजरायल की ‘निरओज़’ बस्ती फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के कब्जे में चली गई

बिना गोली चले, इजरायल की ‘निरओज़’ बस्ती फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के कब्जे में चली गई

इजरायली टेलीविज़न चैनल 12 की एक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 7 अक्टूबर को फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने इजरायल के निर ओज़ नामक अवैध ज़ायोनी बस्ती पर बिना किसी संघर्ष या गोलीबारी के नियंत्रण कर लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बस्ती पर कब्जे के दौरान न तो कोई बड़ा सैन्य टकराव हुआ और न ही अंदर से कोई प्रतिरोध देखने को मिला। यह घटना इजरायली सुरक्षा तंत्र की बड़ी विफलता मानी जा रही है।

गोलानी ब्रिगेड के सैनिकों ने बस्ती की रक्षा करने के बजाय खुद को बचाने की कोशिश की
रिपोर्ट के अनुसार, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध बलों ने सबसे पहले इजरायली गोलानी ब्रिगेड के एक सैन्य अड्डे को निशाना बनाया, जिसे इस बस्ती की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी। गोलानी ब्रिगेड को इस क्षेत्र में तैनात किया गया था ताकि वह किसी भी संभावित हमले से इस अवैध बस्ती की रक्षा कर सके। लेकिन जब हमले की शुरुआत हुई, तो वहां मौजूद इजरायली सैनिकों ने संघर्ष करने के बजाय खुद को बचाने की कोशिश की।

रिपोर्ट में बताया गया कि हमला शुरू होते ही इजरायली सैनिक भोजन कक्ष (डाइनिंग हॉल) में जाकर छिप गए और उन्होंने प्रतिरोध करने के बजाय अपनी जान बचाने को प्राथमिकता दी। उनकी यह कमज़ोरी प्रतिरोध बलों के लिए फायदेमंद साबित हुई, और उन्होंने बिना किसी बड़े संघर्ष के पूरी बस्ती पर नियंत्रण कर लिया।

इजरायली विशेष बलों की कोशिशें नाकाम रहीं
जब इजरायली सेना को निर ओज़ पर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के कब्जे की खबर मिली, तो सायरेट मातकल (इजरायल की विशेष सैन्य इकाई) समेत कई विशेष बलों को इस बस्ती की ओर रवाना किया गया। लेकिन हर बार जब वे बस्ती की तरफ बढ़ते, तो रास्ते में ही फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध बलों से उनका सामना हो जाता, जो उनके रास्ते में अड़चन पैदा कर देते।

रिपोर्ट के मुताबिक, हर बार इजरायली सैनिकों को अपना रास्ता बदलना पड़ा, क्योंकि वे प्रतिरोध बलों की रणनीति के आगे असहाय नज़र आए। इस प्रकार, इजरायली विशेष बल अपनी पूरी कोशिशों के बावजूद बस्ती में प्रवेश करने और कब्ज़ा वापस लेने में असफल रहे।

इजरायली वायु सेना ने अपने ही बंधकों को निशाना बनाया
जब ज़मीनी प्रयास नाकाम हो गए, तो इजरायली सेना ने वायु सेना के जरिए बस्ती और उसके आसपास के इलाकों में हमले शुरू किए। इस दौरान, इजरायली लड़ाकू विमानों ने कुछ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध सेनानियों को निशाना बनाया, लेकिन इसी हमले में उन इजरायली नागरिकों और सैनिकों को भी मार दिया गया, जो प्रतिरोध बलों द्वारा ग़ज़ा ले जाए जा रहे थे।मारे गए लोगों में गादी मोसेस की पत्नी भी शामिल थीं, जिन्हें हाल ही में रिहा किया गया था। इस घटना से इजरायली सेना की नाकामी और ग़लत सैन्य रणनीति एक बार फिर उजागर हो गई।

इस पूरे घटनाक्रम का सबसे बड़ा असर यह हुआ कि निर ओज़ बस्ती की एक चौथाई आबादी या तो मारी गई या फिर बंधक बना ली गई। रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरी घटना इजरायल की सैन्य खुफिया और सुरक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक मानी जा रही है, क्योंकि न केवल इस बस्ती पर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध बलों ने आसानी से कब्ज़ा कर लिया, बल्कि इजरायली सैनिकों ने इसका कोई प्रतिरोध भी नहीं किया।

इजरायली सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
इस घटना के बाद इजरायली सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
कैसे एक महत्वपूर्ण सैन्य चौकी पर तैनात सैनिक बिना किसी संघर्ष के भाग खड़े हुए?
कैसे विशेष सैन्य इकाइयाँ प्रतिरोध बलों से पार पाने में असफल रहीं?
इजरायली वायु सेना ने क्यों अपने ही नागरिकों और सैनिकों को निशाना बना दिया?

इस पूरी घटना से साफ़ होता है कि इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था कमज़ोर हो चुकी है और उसकी गुप्तचर एजेंसियां हमलों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही हैं। 7 अक्टूबर का हमला इजरायल के लिए सबसे बड़ी सैन्य और रणनीतिक विफलताओं में से एक साबित हुआ है।

popular post

इज़रायल की “पीली रेखा योजना” ग़ाज़ा को विभाजित करने की साज़िश

इज़रायल की “पीली रेखा योजना” ग़ाज़ा को विभाजित करने की साज़िश इज़रायल में हाल ही

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *