यमन की बहादुरी और समर्थन को कभी नहीं भूलेंगे: ग़ाज़ा पट्टी

यमन की बहादुरी और समर्थन को कभी नहीं भूलेंगे: ग़ाज़ा पट्टी

ग़ाज़ा पट्टी की सरकार के मीडिया कार्यालय के निदेशक इस्माइल अल-थवाबता ने गुरुवार सुबह एक महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए उन सभी देशों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इज़रायली आक्रमण के खिलाफ ग़ाज़ा पट्टी का समर्थन किया। उन्होंने अपने बयान में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “फिलिस्तीनी राष्ट्र के उन शहीदों के लिए सम्मान है और वह अमर है, जिन्होंने अपने पवित्र खून से आज़ादी और गरिमा का मार्ग प्रशस्त किया।”

अल-थवाबता ने विशेष रूप से उन देशों और समुदायों का जिक्र किया, जिन्होंने फिलिस्तीनी संघर्ष में गहरी सहानुभूति और समर्थन दिखाया। उन्होंने कहा, “इन बर्बर कब्ज़ाधारियों और उन्हें समर्थन देने वाली वैश्विक साम्राज्यवादी ताकतों पर धिक्कार है।” उन्होंने इज़रायल और उसके समर्थकों की निंदा करते हुए फिलिस्तीनी मुद्दे के प्रति वैश्विक समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया।

बयान में यमन का नाम विशेष रूप से लिया गया और उनकी भूमिका की सराहना की गई। उन्होंने कहा, “हम हमेशा उन लोगों के प्रति वफादार रहेंगे, जिन्होंने हमारे न्यायपूर्ण उद्देश्य का समर्थन किया, विशेष रूप से प्रिय यमन।” उन्होंने यमनी लोगों की बहादुरी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने संघर्ष के दौरान गौरवपूर्ण और साहसिक कार्य किए।

इस बयान में फिलिस्तीनी राष्ट्र ने यमनी लोगों की भूमिका को न सिर्फ सम्मानित किया, बल्कि इस बात को दोहराया कि वे यमनी लोगों की बहादुरी और समर्थन को हमेशा याद रखेंगे। अल-थवाबता ने कहा, “फिलिस्तीनी लोग यमनी लोगों की बहादुरी को, जिन्होंने गौरवपूर्ण और साहसिक कार्य किए हैं, आखिरी सांस तक नहीं भूलेंगे।”

यह बयान ग़ाज़ा के उन गहरे संबंधों और भाईचारे को दर्शाता है, जो फिलिस्तीन और यमन जैसे संघर्षरत देशों के बीच मौजूद हैं। यह फिलिस्तीनी संघर्ष में यमन की भूमिका को एक आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करता है, जो अन्य देशों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

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