हम दोबारा इज़रायल के अंदर तक हमला करने के लिए तैयार हैं: पेज़ेश्कियान

हम दोबारा इज़रायल के अंदर तक हमला करने के लिए तैयार हैं: पेज़ेश्कियान

ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पेज़ेश्कियान ने बुधवार तड़के अल-जज़ीरा चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा: “हम इज़रायल की किसी भी सैन्य कार्यवाही के लिए पूरी तरह तैयार हैं, और हमारे बल एक बार फिर इज़रायल की गहराई तक हमला करने के लिए तत्पर हैं।”

उन्होंने कहा:
“इज़रायल ने हम पर हमले किए हैं, और हमने भी पूरी ताक़त से उनके भीतर तक हमला किया है, लेकिन वो अपने नुक़सान को छुपा रहे हैं।”

पेज़ेश्कियान ने आगे कहा:
“इज़रायल का मक़सद था ईरान में अराजकता फैलाकर शासन को गिराना, देश को तोड़ना और उसे मिटा देना, लेकिन वो नाकाम रहा।”

राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि:
“हमारे देश में कुछ हद तक घुसपैठ ज़रूर हुई है, लेकिन इसका मुख्य कारण अमेरिका की तकनीक और उसकी क्षमताओं का दुरुपयोग था।”

उन्होंने स्पष्ट किया:
“हम जंग नहीं चाहते, लेकिन युद्ध-विराम की पक्की गारंटी पर भी भरोसा नहीं करते। हम पूरी ताक़त से अपना बचाव करेंगे। इज़रायल हमारी मिसाइलों के हमलों की सच्चाई छिपा रहा है, लेकिन उसका युद्ध रोकने की अपील बहुत कुछ कहती है।”

अल-जज़ीरा ने उनके हवाले से बताया:
“ईरान ने कभी हार नहीं मानी और न ही मानेगा — ये सबके लिए स्पष्ट है। लेकिन हम बातचीत और कूटनीति में विश्वास रखते हैं।”

राष्ट्रपति ने यह भी कहा:
“क्षेत्र के देशों ने कभी भी हालिया युद्ध की तरह ईरान का समर्थन नहीं किया था। हम पूरी तरह तैयार हैं कि अपने अरब पड़ोसी देशों और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मिलकर साझा क्षेत्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्थापित करें।”

पेज़ेश्कियान ने एक बार फिर परमाणु हथियारों का विरोध करते हुए कहा:
“यह हमारा धार्मिक, राजनीतिक, मानवीय और रणनीतिक रुख है। ईरान में यूरेनियम संवर्धन भविष्य में भी अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत जारी रहेगा।”

उन्होंने आगे कहा:
“भविष्य में कोई भी वार्ता ‘विन-विन’ (दोनों पक्षों के लिए लाभदायक) के सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए। हम किसी भी धमकी या ज़बरदस्ती को स्वीकार नहीं करेंगे। ट्रंप कहते हैं कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए, और हम भी यही मानते हैं।”

राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया:
“यह कहना कि हमारा परमाणु कार्यक्रम खत्म हो चुका है, एक भ्रम है। हमारी परमाणु क्षमता हमारे वैज्ञानिकों के दिमाग में है, न कि सिर्फ हमारे ठिकानों में।”

पेज़ेश्कियान ने अमेरिका के क़तर स्थित ‘अल-उदीद’ सैन्य अड्डे पर ईरान के जवाबी हमले को लेकर कहा:
“हमने क़तर पर हमला नहीं किया, और न ही हम ऐसा कर सकते हैं। वह हमारा भाई देश है और उसके लोग हमारे भाई हैं। हम हर हाल में उनका समर्थन करते हैं।”

उन्होंने कहा:
“हमारा निशाना क़तर या उसके नागरिक नहीं थे, बल्कि उस अमेरिकी सैन्य अड्डे पर था, जिसने हमारे देश पर बमबारी की थी। मैं क़तर की जनता की भावनाओं और उनके रुख़ को समझता हूं, और इसी कारण मैंने अपने भाई, क़तर के अमीर से फोन पर बात की।”

ईरान के राष्ट्रपति ने ज़ोर देकर कहा:
“हमारी नीयत क़तर को लेकर हमेशा सकारात्मक, शुभचिंतक और भाईचारे वाली रही है। हम हर क्षेत्र में उनकी मदद करने को तैयार हैं, अगर वे चाहें। अंत में जब अल-जज़ीरा ने उनसे इज़रायल की ओर से उनकी हत्या की कोशिश के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया: “वो घटना इज़रायल की उसी साज़िश का हिस्सा थी, जिसमें वह सैन्य नेताओं के बाद अब राजनीतिक नेताओं को भी निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है।”

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