ईरान में शोक की लहर, आयतुल्लाह नासिरी ने दुनिया को अलविदा कहा
ईरान में एक बार फिर आयतुल्लाह नासिरी के इंतेक़ाल की खबर से शोक की लहर फ़ैल गई है. आयतुल्लाह मोहम्मद अली नासिरी ने अभी कुछ देर पहले 92 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली. महदवी कल्चर को बढ़ावा देने वाले और अख़लाक़ के मशहूर उस्ताद आयतुल्लाह मोहम्मद अली नासिरी ने 92 साल की उम्र में कुछ समय पहले अंतिम सांस ली.
आयतुल्लाह मोहम्मद अली नासिरी का जन्म 1930 में ईरान के इस्फ़हान में हुआ था अपने शुरूआती तालीम अपने वतन और दौलताबाद में हासिल की उसके बाद हौज़ा ए इल्मिया इस्फ़हान में आगे की तालीम के लिए दाखिल हो गए. आप 14 साल की उम्र में अपने वालिद के साथ नजफ़े अशरफ गए और वहीँ तालीम हासिल करते रहे बाद में अपने वालिद के साथ ही ईरान पलट कर आ गए.
आयतुल्लाह मोहम्मद अली नासिरी मोहमद कूफ़ी, सय्यद मोहम्मद कश्मीरी, शैख़ अब्बास कूचानी, सय्यद हाशिम हद्दाद, सय्यद जमालुद्दीन गुलपाएगानी जैसी शख्सियतों के साथ रहे. आप अल्लामा तबातबाई, मोहम्म इस्माइल दोलाबी जैसी इरफान और अख़लाक़ की मशहूर हस्तियों के साथ भी रहे. शैख़ अली बहजत के बक़ौल आयतुल्लाह बहजत के साथ आपकी जितनी नज़दीकी और क़ुरबत थी वह किसी और को हासिल नहीं थी.
आयतुल्लाह मोहम्मद अली नासिरी ने दीन और समाज की खिदमत के साथ साथ लोगों की ज़िन्दगी को संवारने और सुधरने के लिए बहुत काम किये. आप सिर्फलोगों के दीनी काम ही नहीं बल्कि उनकी सेहत और स्वास्थय को लेकर भी बहुत फिक्रमंद रहते थे और आपने इस फील्ड में काम करते हुए कई अस्पताल और मेडिकल सेंटर खोले.
आयतुल्लाह मोहम्मद अली नासिरी इमामे ज़माना से ख़ास इश्क़ रखते थे और आप को मुबल्लिगे महदवियत के नाम से भी जाना जाता था. एक लंबी और बा बरकत उम्र गुज़ारने के बाद इस अज़ीम आलिमे दीन ने कुछ वक़्त पहले ही अपनी आखिरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया.