अमेरिका, इराक़ में अपनी उपस्थिति को और मज़बूत करना चाहता है: सुप्रीम लीडर
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामनेई ने इराक़ की सरकार और जनता के बीच अच्छे संबंधों की ओर इशारा करते हुए इराक़ में विभिन्न समुदायों और धार्मिक समूहों के बीच एकता और सामंजस्य को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इराक़ के प्रधानमंत्री अल-सुदानी को संबोधित करते हुए कहा: “जैसा कि आपने कहा है, हशद-उल-शाबी इराक़ की शक्ति के प्रमुख तत्वों में से एक है, जिसे और अधिक संरक्षित और मजबूत करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”
सुप्रीम लीडर ने इराक़ में अमेरिकी सेनाओं की उपस्थिति को अवैध और इराक़ की जनता और सरकार के हितों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा: “संकेत और सबूत बताते हैं कि अमेरिकी, इराक़ में अपनी उपस्थिति को मजबूत और विस्तारित करने का प्रयास कर रहे हैं, और इस अवैध क़ब्ज़े के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए।”
आयतुल्लाह ख़ामनेई ने क्षेत्रीय परिस्थितियों, विशेष रूप से सीरिया की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा: “इन मामलों में विदेशी सरकारों की भूमिका पूरी तरह स्पष्ट है।” इस बैठक में, जिसमें ईरानी राष्ट्रपति पेजिश्कियान भी उपस्थित थे, इराक़ के प्रधानमंत्री “अल-सुदानी” ने तेहरान में हुई अपनी वार्ताओं पर प्रसन्नता व्यक्त की और उम्मीद जताई कि ये वार्ताएं और हुए समझौते दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत और गहरा करेंगे।
इराक़ के प्रधानमंत्री ने “जनता,” “हशद-उश-शाबी,” “राष्ट्रीय एकता और “मरजइयत” को इराक़ की शक्ति के प्रमुख तत्वों में गिना। उन्होंने ग़ाज़ा और लेबनान में इज़रायली शासन की आक्रमकता का उल्लेख करते हुए कहा: “इराक़ ग़ाज़ा और लेबनान की जनता और क्षेत्रीय प्रतिरोध का समर्थन करता है।”
अल-सुदानी ने सीरिया की स्थिति और उसमें विदेशी हस्तक्षेप का भी उल्लेख किया और कहा: “इराक़ का रुख हमेशा सीरिया की जनता की इच्छा का समर्थन करने, इस देश की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने, और एक समावेशी सरकार के गठन का समर्थन करने का रहा है।”
इराक़ी प्रधानमंत्री सुदानी ने कहा कि उनका देश क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले संघर्षों में शामिल नहीं होना चाहता और सभी पक्षों के साथ सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने सीरिया में सभी जातीय समूहों को शामिल करते हुए एक शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के समाधान का समर्थन किया।