अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम नहीं हुआ एक्टिव, इराकी प्रधानमंत्री पर हुए हमले पर सवाल इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अल काज़िमी के निवास पर रविवार देर रात 2:24 पर ड्रोन हमला हुआ और उसके बाद फायरिंग शुरू हो गई।
अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से सुसज्जित अमेरिकी दूतावास भी ग्रीन जोन क्षेत्र में ही स्थित है। हालांकि प्रधानमंत्री के आवास पर हुए ड्रोन हमलों के समय मुस्तफ़ा अल काज़िमी अपने घर पर नहीं थे और इस हमले में उनके सुरक्षाकर्मी समेत छह लोग घायल हुए हैं।
मुस्तफ़ा अल काज़िमी पर हुए हमले को इराक की सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ के साथ-साथ देश में अराजकता फैलाने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है।
इराक के राष्ट्रपति बरहम सालेह ने कहा है कि इन हमलों का मकसद देश को अशांत करना एवं अराजकता फैलाना है। मुस्तफ़ा अल काज़िमीपर हुए हमलों को लेकर देश के सभी हल्क़ों में प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इराक के राजनीतिक दलों से लेकर आम जनमानस का कहना है कि हमले विदेशी ताकतों की साजिश है ताकि देश के संवेदनशील हालात का दुरुपयोग करते हुए देश में अराजकता एवं फसाद फैला दिया जाए।
इराकी राजनीतिक दलों का कहना है कि जब देश के सबसे बड़े पदाधिकारी पर ऐसे हमले होते हैं तो उसका एक ही मतलब है कि दुश्मन ने कोई घिनौनी साजिश रची है। दुश्मनों को इराक की राष्ट्र की एकता एवं एकजुटता से परेशानी है और वह अराजकता फैला कर इस एकता एवं एकजुटता को मिटाना चाहते हैं।
इराकी प्रधानमंत्री पर हुए हमलों के बीच एक सवाल जो बड़ी शिद्दत से पूछा जा रहा है वह यह है कि अमेरिका ने ग्रीन जोन में अपने दूतावास पर मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगा रखे हैं जो ग्रीन जोन में होने वाले किसी भी हमले के समय एक्टिव हो जाते है लेकिन प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अल काज़िमी के निवास स्थान पर हुए हमलों के समय अमेरिकी डिफेंस सिस्टम बिल्कुल ही नाकारा रहे और यह अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम एक्टिव नहीं हुआ ?
अमेरिका के अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम सीरम के इस घटना पर एक्टिव न होने के कारण तरह तरह के सवाल किए जा रहे हैं। इस संबंध में इराकी सेना का कहना था कि हम इस बारे में बाद में पता करेंगे। इराक के प्रधानमंत्री के निवास स्थान पर होने वाले इस हमले ने इराकी सुरक्षा अधिकारियों एवं अन्य गणमान्य लोगों के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल इसलिए भी जायज है कि ग्रीन जोन में ही स्थित अमेरिकी दूतावास का एंटी डिफेंस सिस्टम इन हमलों के समय नाकारा रहा और वह एक्टिव नहीं हुआ।