चीन के साथ यूएई की बढ़ती नजदीकी से अमेरिका नाराज क्षेत्र के बदलते घटनाक्रम ने एक बार फिर इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि चीन और यूएई की बढ़ती नजदीकियां अमेरिका को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही है।
चीन के साथ यूएई की बढ़ती नजदीकी से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोहम्मद बिन ज़ाएद के साथ एक टेलीफोनिक वार्ता में अपनी चिंता प्रकट की है। बाइडन ने बिन ज़ाएद से बात करते हुए कहा कि अमेरिका को चिंता है कि चीन के साथ संयुक्त अरब अमीरात के नजदीकी इस देश के हित में नहीं है।
अमीरात लीक्स की रिपोर्ट के अनुसार यूएई के क्रॉउन प्रिंस और वास्तव में इस देश पर शासन करने वाले मोहम्मद बिन ज़ाएद को अमेरिका गए हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है और यह खाड़ी क्षेत्र के अरब देश के किसी भी राजनयिक के लिए बहुत लंबी अवधि है जो दोनों देशों के बीच ठंडे पड़ रहे संबंधों को दर्शाने के लिए काफी भी है। विशेषकर उस समय भी जब दोनों देशों के संबंध ट्रंप के कार्यकाल में अपने उच्च स्तर पर पहुंचे हुए थे।
बहुत संभव है कि अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के संबंध एक बार फिर पहले ही की तरह गर्मजोशी से भरे हो लेकिन हाल फिलहाल तो दोनों देशों के संबंध बहुत अधिक मधुर नहीं कहे जा सकते हैं। संयुक्त अरब अमीरात की तरफ से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि चीन अमेरिका से बेहतर सहयोगी है क्योंकि इस देश के सहयोगी समय-समय पर बदलते नहीं हैं और आर्थिक रूप से भी यह देश अमेरिका से कुछ पीछे नहीं है।
गत सप्ताह ही वॉल स्ट्रीट जनरल ने खुलासा किया था के संयुक्त अरब अमीरात में बन रहे चीन के ख़ुफ़िया ठिकानों को अमेरिकी दबाव के बाद रोक दिया गया है। बाइडन ने मोहम्मद बिन ज़ाएद से टेलीफोन पर वार्ता करते हुए संयुक्त अरब अमीरात में चीन की हद से ज्यादा उपस्थिति को इस देश के लिए चिंताजनक बताते हुए कहा था कि यह गतिविधियां यूएई के लिए हानिकारक हो सकती है।
वॉल स्ट्रीट ने संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों के हवाले से बताया कि बिन ज़ाएद और बाइडन की बातचीत से अमेरिकी पक्ष संतुष्ट नहीं है और वह इस बात को लेकर निश्चित नहीं है कि संयुक्त अरब अमीरात चीन को अपने देश में गतिविधियां चलाने की अनुमति देगा या नहीं ।