हौसी हमलों के बावजूद यूएई ईरान के साथ तनाव कम करने का इच्छुक संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त अरब अमीरात के स्थायी प्रतिनिधि ने जोर देकर कहा है कि तेहरान समर्थित हौसी समूह द्वारा फारस की खाड़ी देश पर बढ़ते हमलों के बावजूद उनका देश ईरान के साथ तनाव को कम करना जारी रखेगा।
यूएई की प्रतिनिधि लाना नसीबा ने संयुक्त राष्ट्र में सीएनएन को बताया कि पिछले एक या दो साल में हमने इस क्षेत्र में तनाव को कम करने और भागीदारों के साथ विभिन्न संबंधों को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया है। लाना नसीबा ने कहा कि हम हिरासत और कूटनीति का रास्ता जारी रखेंगे लेकिन साथ ही हम इस क्षेत्र में रक्षात्मक और आक्रामक तरीके से अपना बचाव करने का अधिकार भी सुरक्षित रखेंगे।
17 जनवरी को हौसियों ने अबु धाबी के पास एक औद्योगिक ठिकाने पर हमला किया था और इस हमले में तेल के ट्रकों में आग लग गई थी। इस हादसे में तीन विदेशी कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इसके अलावा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास भी हौसियों ने हमला किया था। हौसी विद्रोही पहले भी यूएई पर हमले का दावा कर चुके हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि अधिकारियों ने देश पर हौसियों के हमले और लोगों की मौत की बात कबूल की है।
दरअसल हौसी विद्रोही चाहते हैं कि संयुक्त अरब अमीरात यमन की अतंरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के समर्थक हथियारबंद गुटों को समर्थन देना बंद करे। अमालेका ब्रिगेड और उससे जुड़े गुटों को हाल में दक्षिणी यमन के इलाकों में हूतियों के खिलाफ संघर्ष में कुछ सफलता मिली है और वे उन्हें थोड़ा पीछे धकेलने में कामयाब रहे हैं। अब ये हथियारबंद गुट यमन सरकार के गढ़ मरीब में हौसियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने की कोशिश कर रहे हैं।
सवाल है कि ताजा घटनाक्रमों के बाद संयुक्त अरब अमीरात क्या करेगा? यूएई की अच्छी छवि के लिए वहां स्थिरता जरूरी है, वह कभी नहीं चाहेगा कि उसे एक ऐसी जगह के रूप में जाना जाए जहां लगातार हमले होते हैं। अपनी सेना को वापस बुलाने के बाद भी यमन में उसकी दिलचस्पी कम नहीं हुई है।
दूसरी ओर देखें तो पिछले कुछ सालों में यूएई लगातार अपनी विदेश नीति को शिफ्ट कर रहा है। इस्राईल के साथ औपचारिक रिश्ते और कतर-तुर्की के के साथ भी संबंधों को बेहतर करने का प्रयास यूएई ने किया है। यहां तक कि उसने ईरान के साथ संबंध ठीक करने के लिए भी कदम उठाए हैं।