आज इज़रायली शासन, दुनिया में सबसे घृणित शासन है: अली ख़ामेनेई
इस्लामी इंक़लाब ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई ने कल शिया समुदाय के आठवें इमाम अली बिन मूसा रज़ा (अ.स) की शहादत की सालगिरह पर विभिन्न समुदाय के हज़ारों लोगों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने ताज़ा हालत के बारे में विस्तार से बातें कीं। उन्होंने ताज़ा हालात पर बात करते हुए ज़ोर दिया कि दुश्मन, ईरान की जनता, सरकार और सशस्त्र बलों की मज़बूत एकजुटता और सैन्य हमलों में मिली हार से यह समझ चुका है कि, ईरान को जंग के ज़रिए झुकाया नहीं जा सकता। इसलिए अब वे देश के अंदर फ़ितना और इख़्तिलाफ़ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में जनता, और देश के ज़िम्मेदार लोगों और और पत्रकारों का फ़र्ज़ है कि “पवित्र और मज़बूत एकता की इस ढाल” की हिफ़ाज़त करें और इसे पहले से भी ज़्यादा मज़बूती प्रदान करें।
अमेरिका चाहता है ईरान उसकी हर बात माने: सुप्रीम लीडर
सुप्रीम लीडर ने अपने बयान के दूसरे हिस्से में 12 दिवसीय जंग को “ थोपा गया युद्ध” बताया और कहा कि, इस मज़बूत प्रतिरोध ने ईरान की शान और इज़्ज़त को दुनिया की नज़रों में और ऊँचा किया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर अमेरिका 45 सालों से लगातार ईरान का दुश्मन क्यों है? और फिर जवाब देते हुए कहा कि असल वजह यह है कि, अमेरिका चाहता है ईरान उसकी हर बात माने और उसकी हुकूमत के दबाव में रहे। अमेरिका का यह असल मक़सद उसके आज के हाकिम ने खुलकर बयान कर दिया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की ये बातें ईरानी क़ौम के लिए अपमान जनक हैं और इस पर ईरानी क़ौम कभी झुकने वाली नहीं है। हालिया जंग में भी अमरीका और इज़रायल यही चाहते थे कि ईरान को घुटनों पर ला दें, मगर ईरानी क़ौम ने उनको ऐसा जवाब दिया कि वे पछताने पर मजबूर हो गए।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि दुश्मनों का यह गुमान कि क़ौम और सरकार के बीच दूरी है, सरासर ग़लतफ़हमी है। ईरानी जनता ने सशस्त्र बलों और हुकूमत के साथ मिलकर दुश्मनों के मुँह पर ज़ोरदार तमाचा मारा है। उन्होंने ताज़ा हालात का निचोड़ पेश करते हुए कहा कि, दुश्मन यह मान चुका है कि ईरान को युद्ध से नहीं हराया जा सकता, अब उनकी सारी कोशिश देश के अंदर इख़्तिलाफ़ और फ़ितना पैदा करने की है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि क़ौमी एकता की हिफ़ाज़त सबका फ़र्ज़ है और जनता , सरकार और सशस्त्र बलों की यह एकजुटता ही दुश्मनों के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा हथियार है।
इंग्लैंड और फ़्रांस जैसे पश्चिमी मुल्क भी इज़रायल की निंदा करते हैं: सुप्रीम लीडर
सुप्रीम लीडर ने इज़रायली शासन को “दुनिया का सबसे नफरत किया जाने वाला शासन” बताया और कहा कि आज यहां तक कि, इंग्लैंड और फ़्रांस जैसे पश्चिमी मुल्क भी जुबानी तौर पर उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने इज़रायली शासकों की ग़ाज़ा में बच्चों को भूख-प्यास से मारने और खाने की लाइन में गोलियाँ चलाकर क़त्ल करने जैसे जुर्म को इंसानी इतिहास में अभूतपूर्व करार दिया।
उन्होंने कहा कि, इन जुर्मों के सामने सिर्फ़ बयानबाज़ी से काम नहीं चलेगा, बल्कि यमन के बहादुर लोगों की तरह व्यावहारिक कदम उठाना होगा ताकि इज़रायल को हर तरह की मदद का रास्ता बंद हो। आख़िर में उन्होंने दुआ की कि ख़ुदा तआला, ईरानी क़ौम और दुनिया भर के न्यायप्रिय लोगों की कोशिशों को बरकत दे और इस “ख़तरनाक कैंसर गाठ” को जड़ से उखाड़ दे।


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