ग़ाज़ा निवासियों के लिए ग़ाज़ा छोड़ने का यह आख़िरी मौक़ा है: इज़रायली रक्षामंत्री
इज़रायली रक्षामंत्री ने ग़ाज़ा के निवासियों को वहां से निकलने के लिए अंतिम चेतावनी जारी की है। इस्राइल कात्ज़ ने कहा है कि, ग़ाज़ा में हालात को और कड़ा करते हुए असल मक़सद हमास को बेअसर करना है और जो लोग ग़ाज़ा में रहेंगे उन्हें “आतंकवादी” माना जाएगा। हालाँकि बड़ी संख्या में परिवारों के पास सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा है। उनके घर पहले ही तबाह हो चुके हैं, सीमाएँ और मार्ग अक्सर बंद या असुरक्षित हैं, और कई लोग फिर भी सीमापार या दक्षिण की ओर पलायन की कोशिशों में फँसे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार शरणार्थी कैंपों और राहत क़तारों पर भी हमलों की रिपोर्टें आई हैं; कुछ मामलों में कैंपों पर हमला कर लोगों को निशाना बनाने और राहत सामग्री के लिए खड़े लोगों को भी मौत के घाट उतार दिए जाने की शिकायतें दर्ज हुई हैं। अधिकारिक बयान में कहा गया कि बाहर निकलने वाले नागरिकों को सेना की जाँच चौकियों से गुजरना होगा, जबकि मानवाधिकार संगठनों ने नागरिक सुरक्षा, मानवीय पहुँच और सुरक्षित रूट्स सुनिश्चित करने की बार-बार अपील की है।
इज़रायली सेना का कहना है कि ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक बंधकों की वापसी सुनिश्चित न हो और हमास के सशस्त्र ढांचे नष्ट न हो जाएँ, जबकि संघर्ष के बीच मानवीय संकट और बेकाबू होता जा रहा है।
कात्ज़ ने अरबी चैनल के हवाले से बताया कि यह ग़ाज़ा के नागरिकों के लिए आख़िरी मौका है कि वे दक्षिण की ओर चले जाएँ। उन्होंने यह भी कहा कि इज़रायली सेना नेटसारीम कॉरिडोर पर अपना काबू बढ़ा रही है और उस क्षेत्र से समुद्र तक पहुँचते हुए ग़ाज़ा शहर को अलग-थलग करने की तैयारी कर रही है। सेना शहर के प्रमुख मार्गों पर चौकियों की तैनाती कर चुकी है और अल-रशीद स्ट्रीट पर वापसी के रास्तों को बंद किया जा रहा है, जिससे निकासी और आवागमन दोनों नियंत्रित किए जा सकें।
अधिकारिक बयान में यह स्पष्ट किया गया कि जो नागरिक बाहर निकलने का प्रयास करेंगे उन्हें सेना की जाँच चौकियों से गुजरना होगा। कात्ज़ ने यह भी कहा कि इज़रायली बल हर संभावित परिदृश्य के लिए तैयार हैं और ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक सभी बंधकों की वापसी सुनिश्चित नहीं हो जाती और हमास के सशस्त्र ढांचे को नष्ट नहीं कर दिया जाता।
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब ग़ाज़ा में संघर्ष और नागरिक हताहतों की रिपोर्टें लगातार मिल रही हैं और बड़े पैमाने पर बेघर होने तथा अनिवार्य पलायन के आरोप लगाए जा रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों ने सैन्य कारवाई के दौरान नागरिक सुरक्षा और मानवीय पहुँच सुनिश्चित करने की अपील की है।
कल इज़रायली सेना के प्रमुख एयाल ज़मीर ने भी कहा था कि, ग़ाज़ा में जारी कार्यवाही उनकी तय योजनानुसार चल रही है और इसे रोका नहीं जाएगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं और मानवीय सहायता की माँगों के बीच क्षेत्र की स्थिति और अधिक जटिल होती जा रही है, और निकट भविष्य में मानवीय संकट के और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।


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