लेबनानी सेना और प्रतिरोध बलों के बीच कभी टकराव नहीं होगा: हिज़्बुल्लाह

लेबनानी सेना और प्रतिरोध बलों के बीच कभी टकराव नहीं होगा: हिज़्बुल्लाह

लेबनान की संसद में हिज़्बुल्लाह प्रतिनिधि अली अम्मार ने कहा है कि, लेबनानी सेना और प्रतिरोध बलों के बीच टकराव कभी नहीं होगा। फार्स न्यूज़ इंटरनेशनल डेस्क के अनुसार, अली अम्मार जो कि, हिज़्बुल्लाह के सांसद और अल-वफ़ा लिल-मुक़ावमत संसदीय धड़े के सदस्य हैं, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि प्रतिरोध का हथियार कानूनी और संवैधानिक वैधता रखता है, ख़ासकर उस समय जब इज़रायली क़ब्ज़ा और आक्रमण अब भी जारी है।

ये बयान उस वक़्त आया जब लेबनानी सरकार ने एक बैठक में, जिसमें हिज़्बुल्लाह और अमल आंदोलन के मंत्री मौजूद नहीं थे, सेना की ओर से तैयार किए गए हिज़्बुल्लाह को निशस्त्र करने की योजना को मंज़ूरी दी। इस योजना के विवरण अब तक गुप्त रखे गए हैं।

अली अम्मार ने अल-मनार चैनल से बातचीत में कहा कि “जो भी प्रतिरोध के हथियार की वैधता पर सवाल उठाता है, वही असल में ग़ैर-वैध है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और लेबनान के संविधान के अनुसार, प्रतिरोध को देश की रक्षा का पूरा हक़ है। उन्होंने बताया कि प्रतिरोध ने सरकार को मौक़ा दिया, लेकिन सरकार अब तक न तो इज़रायली हमलों को रोक सकी, न लेबनान की ज़मीन को आज़ाद कर सकी और न ही क़ैदियों को वापस ला सकी।

अम्मार ने कुछ धड़ों पर आरोप लगाया कि, वे सरकार के अंदर से सेना और प्रतिरोध के बीच टकराव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी: “जो लोग सेना और प्रतिरोध के बीच टकराव की उम्मीद लगाए बैठे हैं, वे भ्रम में हैं। ऐसा कभी नहीं होगा।”

उन्होंने कहा कि प्रतिरोध राष्ट्रीय सुरक्षा की रणनीति पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन कुछ पक्ष विदेशी दबावों में काम कर रहे हैं। अली अम्मार ने साफ कहा कि प्रतिरोध का हथियार सिर्फ़ उसके सभी मुजाहिदीन के प्राण देने पर ही छीन सकता है, कोई भी इसे ज़बरदस्ती लागू नहीं कर सकता।

उन्होंने जोड़ा: “प्रतिरोध किसी को भी इसे गृहयुद्ध की ओर धकेलने नहीं देगा, और जो कोई भी गृहयुद्ध चाहता है, वह अपने ही नुकसान का कारण बनेगा।” अम्मार ने यह भी कहा कि प्रतिरोध के पास इज़रायली आक्रमण से निपटने के लिए संसाधन, क्षमता और प्रशिक्षित जनशक्ति मौजूद है।

लेबनानी संसद में इस प्रतिनिधि के चेतावनी भरे बयान उस समय आए हैं जब न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने कल लेबनानी मंत्रिमंडल की बैठक से पहले एक संदेश भेजकर लेबनान के अधिकारियों को धमकाया था। अख़बार ने लिखा कि ट्रंप सरकार ने लेबनान के नेताओं को चेतावनी दी कि, हिज़्बुल्लाह को निशस्त्र करने का समय बहुत कम बचा है।

पिछले महीने, लेबनानी सरकार ने सेना से हिज़्बुल्लाह को निशस्त्र करने की पहली आधिकारिक योजना तैयार करने के लिए कहा था। इसके जवाब में हिज़्बुल्लाह के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल शेख़ नईम क़ासिम ने चेतावनी दी थी कि, यह क़दम सिर्फ़ अमेरिका और इज़रायल की मांग है और अगर सरकार इसे लागू करने पर अड़ी तो “एक और कर्बला” होगा

आज शुक्रवार को लेबनानी कैबिनेट इस योजना की समीक्षा करेगा और न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रंप प्रशासन इसे “राजनीतिक इच्छाशक्ति की अहम परीक्षा” मानता है।

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