लीबिया इस्राईल संबंधों में सैफुल इस्लाम गद्दाफी की भूमिका

लीबिया इस्राईल संबंधों में सैफुल इस्लाम गद्दाफी की भूमिका अरब देशों एवं इस्राईल के बीच सार्वजनिक संबंधों का सुनहरा दौर चल रहा है। ऐसे में अरब शासकों और इस्राईल के खुफिया संबंधों से भी पर्दा उठ रहा है।

लीबिया और इस्राईल के बीज अतीत में रहे संबंधों की जानकारी देते हुए इस्राईल के एक मीडिया संसथान ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। हिब्रू भाषा के इस्राईली समाचार पत्र के अनुसार लीबिया और इस्राईल के बीच संबंधों की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी लीबिया के दिवंगत तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी का बेटा सैफुल इस्लाम गद्दाफी था जो अब लीबिया चुनाव में नामांकन दाखिल कर इस देश पर राज करने के सपने संजोए हुए है।

इस्राईल के प्रख्यात समाचार पत्र हारेत्ज़ ने रिपोर्ट देते हुए कहा है कि मुअम्मर गद्दाफी के शासनकाल में इस्राईल और लीबिया के संबंधों का प्रभार सैफुल इस्लाम गद्दाफी को सौंपा गया था। टी न्यूज़ के अनुसार हारेत्ज़ ने लिखा है कि एक तरफ तो मुअम्मर गद्दाफी अपने आप को फिलिस्तीन का सबसे कट्टर समर्थक बनाकर दुनिया के सामने पेश करता था दूसरी ओर सैफुल इस्लाम के माध्यम से इस्राईल के साथ संबंध बनाए हुए था।

इस्राईली अधिकारियों के साथ उसकी बातचीत और मुलाकात की जिम्मेदारी सैफुल इस्लाम गद्दाफी के कंधों पर थी। हारेत्ज़ ने लिखा कि हालांकि लीबिया और इस्राईल के बीच आधिकारिक संबंध नहीं थे लेकिन दोनों देशों के बीच उस समय भी लगातार आपसी संबंध एवं राजनीतिक तथा मानवीय मुद्दों पर संपर्क होता था।

सैफुल इस्लाम इस काम के लिए लीबियाई मूल के एक यहूदी कारोबारी की मदद लेता था जबकि दूसरी और इस्राईल भी लीबिया की भौगोलिक स्थिति और भूमध्य सागर के महत्व और इस देश की मिस्र से निकटता को देखते हुए उसे बेहद महत्व देता था।

इसके अलावा लीबिया को इस्राईल की ओर से महत्व दिए जाने का एक कारण इस्राईल में रह रहे लीबियाई मूल के यहूदी थे जो इटली में बसने वाले लीबियाई मूल के यहूदियों पर अपना प्रभाव छोड़ सकते थे। मुअम्मर गद्दाफी ने अपनी पतन से पहले भी इस्राईल को वचन दिया था कि अगर तल अवीव, अमेरिका और पश्चिमी जगत से लीबिया के संबंधों में सुधार लाने के लिए प्रयास करता है तो वह लीबिया और इस्राईल के संबंधों को सार्वजनिक करने के लिए भी तैयार है।

याद रहे कि लीबिया के पूर्व तानाशाह साम्राज्यवादी धड़े की खुशी के लिए लेबनान के लोकप्रिय समाजसेवी एवं वरिष्ठ धार्मिक नेता इमाम मूसा सद्र को लीबिया बुला कर ग़ायब कर चुका था जबकि उनके साथी डॉ फतही शेकाकी को भी लीबिया से वापसी के रास्ते में इस्राईल की कुख्यात खुफिया एजेंसी मोसाद ने मार डाला था।

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