फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई की समस्या हल होगी: हमास
फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने बुधवार तड़के घोषणा की कि क़ाहिरा में मिस्री अधिकारियों के साथ हुई बैठक में फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई में हुई देरी की समस्या के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है।
हमास ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल ने क़ाहिरा में मिस्री अधिकारियों के साथ संघर्ष-विराम समझौते के क्रियान्वयन, क़ैदियों की अदला-बदली और दूसरे चरण की वार्ता के मुद्दों पर चर्चा की।”
समझौते के मुख्य बिंदु
बयान के अनुसार, वार्ता में हमास ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग़ाज़ा संघर्ष-विराम समझौते की सभी शर्तों को पूरी तरह और सटीक रूप से लागू किया जाना चाहिए और इसके सभी चरणों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
अल-मयादीन नेटवर्क ने हमास के इस बयान को उद्धृत करते हुए बताया कि संगठन ने क़ाहिरा वार्ता में अपनी स्थिति को दृढ़ता से स्पष्ट किया और ज़ोर दिया कि संघर्ष-विराम समझौते का सही तरीके से पालन होना चाहिए।
हमास ने कहा, “हमने क़ाहिरा में यह सहमति बनाई कि जिन फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई में देरी हुई थी, उन्हें जल्द ही रिहा किया जाएगा। यह वे क़ैदी हैं, जिन्हें अंतिम सूची के तहत छोड़ा जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से उनकी रिहाई में देरी हो गई थी।”
कैसे होगी रिहाई?
हमास ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नए समझौते के तहत फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को उन इज़रायली क़ैदियों के शवों के साथ ही रिहा किया जाएगा, जिन्हें पहले चरण में वापस सौंपा जाना तय हुआ था।
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब ग़ाज़ा में इज़रायली सेना और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के बीच संघर्ष-विराम वार्ताओं पर नज़रें टिकी हैं। मिस्र, क़तर और अन्य मध्यस्थ इस वार्ता को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि ग़ाज़ा में हिंसा को रोका जा सके और दोनों पक्षों के क़ैदियों की अदला-बदली को सुचारू रूप से लागू किया जा सके।
हालांकि, अभी तक इस बात की स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कितने फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को छोड़ा जाएगा और इज़रायल किन शवों को सौंपेगा। लेकिन यह समझौता संघर्ष-विराम वार्ता की सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।