यमन के मिसाइल हमलों के आगे बेबस सऊदी अरब, काम नहीं आ रहे अमेरिकी हथियार

यमन: आईएससीप्रेस: यमन युद्ध ने जहाँ एक ओर अरब के इस सबसे ग़रीब देश के आधारभूत ढांचे को ध्वस्त कर दिया है वहीं यमन के खिलाफ युद्ध का बिगुल फूंकने वाले सऊदी अरब की हालत भी दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।

अमेरिका से अरबों डॉलर के हथियार लेने के बाद भी वह यमन के बढ़ती ड्रोन और मिसाइल क्षमता के आगे बेबस नज़र आ रहा है।

यमन ने एक बार फिर सऊदी अरब के कई ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। यमन सेना के प्रवक्ता याह्या सरीअ ने रविवार की रात को सऊदी अरब के अहम ठिकानों, सैन्य अड्डों और संवेदनशील जगहों पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल हमलों की जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार इन हमलों में 14 ड्रोन और 8 बैलिस्टिक मिसाइल का प्रयोग हुआ।

यमनी बलों ने इस अभियान में रासुत तनूरा बंदरगाह में अरामको कंपनी को निशाना बनाया। यमन सेना ने सऊदी अरब के असीर और जीज़ान में सैन्य अड्डों पर 4 ड्रोन और 7 बद्र मिसाइल दाग़े। यमन सेना का कहना है कि जब तक यमन की नाकाबंदी और सऊदी गठबंधन के हमलों जारी रहेंगे यमन की जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी।

रायटर्स ने भी स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से रिपोर्ट देते हुए कहा कि पूर्वी सऊदी अरब के ज़हरान शहर में धमाके की आवाज़ सुनी गयी है वहीँ सऊदी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तुर्की अलमालेकी ने हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि रासुत तनूरा में तेल के भंडारों पर हमला, दुनिया के तेल स्रोतों की सुरक्षा पर हमला है।

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