बशार अल-असद के सीरिया छोड़ने से पहले हुई वार्ता के बारे में रूस का दावा

बशार अल-असद के सीरिया छोड़ने से पहले हुई वार्ता के बारे में रूस का दावा

रूस ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए दावा किया है कि फिलहाल सीरिया में उसके सैन्य ठिकानों के लिए कोई महत्वपूर्ण सुरक्षा खतरा नहीं है। रूस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सीरिया की स्थिति को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है, विशेष रूप से उस समय जब दमिश्क़ पर सशस्त्र विद्रोहियों के कब्जे के बाद सीरिया के भविष्य को लेकर कई क़यास लगाए जा रहे हैं।

रूस का बयान
रूस के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि बशार अल-असद ने सीरिया छोड़ दिया है, और उनके जाने के बाद देश में रूस के सैन्य ठिकानों की सुरक्षा स्थिति पर कोई बड़ा खतरा नहीं है। रूस के अनुसार, इन सैन्य ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन फिलहाल उनके लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है।

बशार अल-असद का इस्तीफा
रूस के विदेश मंत्रालय का दावा है कि बशार अल-असद ने सीरिया और राष्ट्रपति पद को छोड़ने का निर्णय “सीरिया के संघर्ष में भाग लेने वाले कुछ पक्षों से शांति से सत्ता हस्तांतरण के लिए आदेश मिलने के बाद लिया।” रूस का कहना है कि बशार अल-असद ने यह कदम एक तरह के वार्ता और समझौते के तहत उठाया, जिसमें शांति प्रक्रिया के तहत सत्ता को उनके पास सौंपने का आदेश दिया गया था।

यह बयान रूस की ओर से उस समय आया है जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि बशार अल-असद को सीरिया छोड़ते समय मारा गया। हालांकि, रूस ने इस दावे को नकारते हुए असद के जीवित होने की बात कही है।रूस के विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस इस वार्ता का हिस्सा नहीं था, जो बशार अल-असद के सीरिया छोड़ने का कारण बनी। हालांकि, मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि इस वार्ता में कौन से अन्य पक्ष शामिल थे, और किस तरह की बातचीत हुई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स और कयास
इस खबर के बाद कई मीडिया संस्थानों में यह अटकलें भी लगाई गईं कि बशार अल-असद के जाने के बाद सीरिया में सत्ता का क्या होगा। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि असद को सीरिया छोड़ने के दौरान हत्या कर दी गई, लेकिन रूस ने इसे खारिज किया है। इसके बावजूद, यह घटनाक्रम सीरिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

रूस के बयान के बावजूद, यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि बशार अल-असद के इस्तीफे के बाद सीरिया में शासन की दिशा क्या होगी और किस प्रकार की राजनीतिक प्रक्रिया जारी रहेगी। इस पूरे घटनाक्रम में रूस का बयान और उसकी भूमिका, सीरिया के भविष्य और शांति प्रक्रिया के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण पहलू बनकर उभरी है।

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