इज़रायल में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को आग के हवाले किया
आज सुबह (मंगलवार) फ़िलिस्तीन के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में एक नई लहर की शुरुआत हुई। इज़रायली बंदियों के परिवारों ने अहम मार्गों को अवरुद्ध कर तत्काल हमास के साथ समझौते की माँग की। जलती हुई सड़कों की तस्वीरें लोगों के ग़ुस्से की तीव्रता दिखा रही हैं।
फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आज सुबह भी ज़ायोनी शासन एक और विरोधी दिन का गवाह बना। इज़रायली कैदियों के परिवारों ने ग़ाज़ा में हमास के साथ ऐसा समझौता करने की माँग की जिससे उनके प्रियजनों की रिहाई हो सके।
अरबी अख़बार अल-अरबी अल-जदीद ने लिखा, इन परिवारों का कहना है कि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर इज़रायली बंदियों को क़ुर्बान करने का फ़ैसला किया है और जानबूझकर समझौते को नाकाम बना दिया है। उन्होंने जनता से अपील की कि पूरे क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में व्यापक प्रदर्शन किए जाएँ ताकि नेतन्याहू की सरकार पर दबाव बढ़े।
दिन की शुरुआत में ही परिवारों और प्रदर्शनकारियों ने कई अहम चौराहों और सड़कों को बंद कर दिया। इन विरोधों का चरम आज रात तेल अवीव के “बंधक मैदान” (Hostage Square) में बड़े मार्च और मुख्य रैली के रूप में होगा। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और “मरे हुए बंधक बोल नहीं सकते” तथा “सरकार ही बंधकों को मार रही है” जैसे नारे लिखे हुए तख़्ती उठाकर अपना ग़ुस्सा जताया।
प्रदर्शन में सड़क नंबर 2 (हाइफ़ा से तेल अवीव तक तटीय मार्ग) और सड़क नंबर 1 पर रमेल्ले के क़रीब निस्रीम चौराहे को अवरुद्ध किया गया, जो यरूशलम जाने का मुख्य रास्ता है। इसके अलावा उत्तर में काबरी, मध्य में रअनाना, रहोवोट और अन्य इलाक़ों के चौराहों को भी बंद किया गया।
दर्जनों प्रदर्शनकारी आज सुबह शिक्षा मंत्री “योआव किश” के घर (होड हशरोन) और विदेश मंत्री “गिदोन सार” के घर (नेस्त्सियोना) तथा रणनीतिक मामलों के मंत्री “रॉन डर्मर” के घर (यरूशलेम) के बाहर इकट्ठा हुए।
तेल अवीव के बंधक मैदान में हुई रैली में क़ैदी “मेतान” की माँ “एयनाफ़ त्सनजौकर” ने कहा: “नेतन्याहू अपनी सरकार बचाने के लिए कैदियों को वापस लाने से इनकार कर रहा है। हम एक साल पहले ही युद्ध ख़त्म कर सकते थे और सभी बंधकों व सैनिकों को घर ला सकते थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने बार-बार नागरिकों को अपनी सत्ता के लिए क़ुर्बान करने का फ़ैसला किया।”
उन्होंने आगे कहा:
नेतन्याहू जनदबाव से डरता है, इसलिए हमें प्रदर्शन करना होगा और समझौते की माँग करनी होगी।”
एक अन्य बंदी “इती” की माँ “हाजित हिन” ने कहा: “वास्तविक संभावना है कि एक समझौता हो सकता है जिससे हमारे पचास प्रियजन वापस आ जाएँ, लेकिन प्रधानमंत्री सैन्य अभियान जारी रखना चाहता है और समझौते के बजाय टकराव को चुनता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा: “हम देख रहे हैं कि सरकार जानबूझकर समझौते को असफल बना रही है, लेकिन इज़रायली जनता भोली नहीं है। हम सब कुछ देख रहे हैं और जनता हमारे साथ है।”
दूसरी ओर, हारेट्ज़ अख़बार ने लिखा कि तेल अवीव के अलावा, हाइफ़ा की सड़कों को भी प्रदर्शनकारियों ने बंद किया और तत्काल कैदी विनिमय समझौते की माँग की। कुछ प्रदर्शनकारी यरूशलम में नेतन्याहू के दफ़्तर के बाहर भी जमा हुए और कैदियों की अदला-बदली का समझौता तुरंत करने की माँग की।


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