जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सामने इज़रायल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन
मंगलवार को विभिन्न देशों के प्रदर्शनकारी जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सामने एकत्र हुए और ईरानी जनता के साथ एकजुटता दिखाते हुए इज़रायल के हमलों की कड़ी निंदा की। यह विरोध प्रदर्शन जिनेवा के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के केंद्र में स्थित ‘प्लेस दे नासियों’ नामक बड़े चौराहे पर हुआ, जो संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के ठीक सामने स्थित है।
ईरानी समाचार एजेंसी ISNA के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने इज़रायली शासन द्वारा रिहायशी इलाकों पर बमबारी, नागरिकों की हत्या, मेडिकल और राहत केंद्रों तथा परमाणु स्थलों पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सिद्धांतों का खुला उल्लंघन बताया और इनकी निंदा की। इसी दिन इक्कीस, अरब और मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रालयों ने भी इज़रायल के ईरान पर हमलों की निंदा करते हुए इज़रायली शासन से अपील की है कि, वह ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना न बनाए और क्षेत्र में तनाव को बढ़ने से रोके।
यह संयुक्त बयान मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलअत्ती की पहल पर तुर्की, जॉर्डन, यूएई, पाकिस्तान, बहरीन, ब्रुनेई, चाड, गाम्बिया, अल्जीरिया, कोमोरोज, जिबूती, सऊदी अरब, सूडान, सोमालिया, इराक, ओमान, कतर, कुवैत, लीबिया, मिस्र और मौरितानिया के समकक्षों के साथ हुई चर्चा के बाद जारी किया गया।
बयान में कहा गया कि इस तनाव की बढ़ती स्थिति क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। इसमें राष्ट्रीय संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया। बयान में यह भी कहा गया कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में हैं और उन पर हमले करना अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा।
पिछले कुछ दिनों में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आम लोगों ने प्रदर्शन किए हैं, जिनमें इज़राइली हमलों की निंदा की गई और ईरान के नागरिकों, वैज्ञानिकों, सैन्य अधिकारियों और प्रमुख हस्तियों की हत्या पर रोष व्यक्त किया गया। तुर्की, स्लोवेनिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, अमेरिका, यमन, दक्षिण कोरिया, भारत और लैटिन अमेरिकी देशों ने भी इज़रायली आक्रामकता की आलोचना की है।
क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियास-कनेल ने ‘एक्स’ पर जारी बयान में कहा, “हम इस्लामी गणराज्य ईरान पर इज़रायली हमलों की कड़ी निंदा करते हैं जो मध्य पूर्व में तनाव को गैर-जिम्मेदाराना ढंग से बढ़ा रहे हैं और वैश्विक एवं क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा हैं।”
वेनेज़ुएला के विदेश मंत्रालय ने भी इन हमलों को “अवैध, अनुचित और अवैध युद्धकृत्य” बताते हुए निंदा की और कहा कि यह एक ऐसा युद्ध है जो नेतन्याहू शासन की अपराधों से भरी विरासत का हिस्सा है। निकारागुआ सरकार ने भी ईरान के खिलाफ इज़रल की “गैर-ज़िम्मेदाराना और खतरनाक सैन्य कार्रवाई” की कड़ी आलोचना की।
मेक्सिको के विदेश मंत्रालय ने भी गहरी चिंता जताई और मध्य पूर्व में हिंसा की बढ़ती घटनाओं को खारिज करते हुए नागरिकों की जान को खतरे में डालने वाली कार्रवाइयों से बचने की अपील की। ब्राज़ील के विदेश मंत्रालय ने इज़राय यल के आक्रामक रुख की निंदा करते हुए कहा कि शुक्रवार सुबह किए गए हमले ईरान की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं।
चिली की कम्युनिस्ट पार्टी ने भी एक बयान जारी कर इज़राइली हमलों की निंदा की और रिहायशी इमारतों तथा परमाणु बुनियादी ढांचे को निशाना बनाए जाने पर गहरी चिंता जताई। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने शुक्रवार को कहा, “इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का शासन हमारे क्षेत्र और पूरी दुनिया को एक बड़े संकट की ओर धकेलने की कोशिश कर रहा है।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संघर्ष समाप्त करने की अपील की।


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