“आतंकवाद ख़ात्मे के लिए पाकिस्तान को तुरंत ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाए: ओवैसी
भारत के 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों विभिन्न देशों के दौरे पर हैं। इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी पाकिस्तान की असलियत उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पाकिस्तान की पोल खोलते हुए बताया कि मुंबई हमलों के बाद भारत सरकार के जांचकर्ता पाकिस्तान गए थे, जहां उन्होंने सभी सबूत सौंपे। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
पाकिस्तान को इस आतंकी मामले में आगे बढ़ने के लिए तब मजबूर होना पड़ा जब उसे एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला गया था। इसलिए हमारी मांग है कि अब भी पाकिस्तान को फिर से इस सूची में डाला जाए और यह कार्रवाई तुरंत होनी चाहिए। ओवैसी ने इसके लिए अरब देशों, विशेष रूप से सऊदी अरब से सहयोग की मांग की है।
उन्होंने आगे कहा कि जर्मनी में हुई एक बैठक में भारत ने साजिद मीर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि वह मर चुका है। जबकि कुछ वर्षों बाद वही पाकिस्तान एफएटीएफ की समिति के सामने आकर कहता है कि साजिद मीर जीवित है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जो व्यक्ति पहले मृत बताया गया था, वह अचानक जिंदा निकल आया? पाकिस्तान की इसी धोखेबाज नीति के कारण दुनिया में आतंकवाद बढ़ता जा रहा है और इसे रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई जरूरी है।
ओवैसी के अनुसार, यही वजह है कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को एक बार फिर एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला जाना चाहिए, तभी उन तमाम आतंकी संगठनों को मिलने वाली वित्तीय मदद पर रोक लगाई जा सकेगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह पूछा जाता है कि हम पाकिस्तान से बातचीत क्यों नहीं करते, तो यह भी पूछा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में आखिर बात किससे की जाए?