दर्दनाक: ग़ाज़ा में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत
ग़ाज़ा पट्टी में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के फील्ड अस्पतालों के निदेशक ने हालात को “फ़जीहतपूर्ण” बताया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल घायल और गंभीर रूप से ज़ख्मी लोगों से पूरी तरह भर गए हैं। लेकिन चिंता का विषय यह है कि न केवल विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है, बल्कि ज़रूरी दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों का भी अभाव है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि यह संकट केवल चिकित्सा सेवाओं तक सीमित नहीं है। मरीज़ दवाओं की अनुपलब्धता और ऑक्सीजन के खत्म होने की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम असहाय महसूस कर रहे हैं। हमारे पास मरीजों को बचाने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और इज़रायल के दावे
इज़रायली सेना द्वारा ग़ज़ा के अस्पतालों पर हमलों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचना जारी है। अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के मुख्य अभियोजक एंड्रू काईली ने इज़रायल के उन दावों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया था कि ग़ाज़ा के अस्पतालों में हमास के सैनिक मौजूद हैं। काईली ने कहा कि यह दावे “अधिकांशतः बढ़ा-चढ़ा कर पेश किए गए हैं, जो पूरी तरह से ग़लत साबित हुए हैं।”
काईली, जो फिलिस्तीन में ICC के जांच दल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “क्या यह दावा कि ग़ाज़ा के अस्पतालों में सैन्य गतिविधियां हो रही हैं, और इसे इज़रायल द्वारा अस्पतालों पर हमले के लिए एक वैध आधार के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, सही है? इस दावे की वास्तविकता और सटीकता पर शक है।”
स्वास्थ्य संकट का राजनीतिक पहलू
ग़ाज़ा के अस्पताल केवल चिकित्सा संकट का सामना नहीं कर रहे, बल्कि यह संकट राजनीतिक और मानवीय पहलू से भी जुड़ा हुआ है। स्वास्थ्य सेवाओं का ध्वस्त होना और चिकित्सा संसाधनों की आपूर्ति पर रोक मानवीय अधिकारों का उल्लंघन माना जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने बार-बार इज़रायल से ग़ाज़ा में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राहत पहुंचाने की अपील की है, लेकिन ज़मीनी हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
मानवीय संकट गहराता जा रहा है
ग़ाज़ा में घायलों और बीमार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की क्षमता न के बराबर है। इस बीच, दवाओं, उपकरणों और ऑक्सीजन जैसी बुनियादी जरूरतों की कमी से वहां मानवीय संकट और गहरा गया है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस स्थिति को तत्काल हल करने की अपील की है, लेकिन इज़रायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के कारण कोई भी समाधान अब तक संभव नहीं हो सका है।
ग़ाज़ा में यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि अगर जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट और भयानक हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों के लिए यह समय है कि वे ग़ाज़ा के लोगों को इस संकट से उबारने के लिए ठोस कदम उठाएं।