नेतन्याहू पश्चिमी देशों द्वारा निर्मित दानव है: निकोलस मादुरो
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें पश्चिमी देशों द्वारा निर्मित एक ‘दानव’ कहा। उन्होंने यह टिप्पणी एक बयान में दी, जिसमें उन्होंने इज़रायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में किए जा रहे कथित अत्याचारों की निंदा की।
मादुरो ने कहा कि जो कुछ पश्चिम एशिया में हो रहा है, उसे युद्ध कहना गलत होगा। उन्होंने इसे “जनसंहार” का नाम दिया और सीधे तौर पर इज़रायल पर फिलिस्तीनी और लेबनानी नागरिकों के खिलाफ व्यापक हिंसा और हत्याओं का आरोप लगाया। मादुरो ने अपने बयान में कहा, “नेतन्याहू फिलिस्तीन और लेबनान के खिलाफ जो कर रहा है वह युद्ध नहीं, बल्कि जनसंहार है।”
मादुरो ने नेतन्याहू के खिलाफ अपने हमले को और भी तीखा बनाते हुए कहा कि वे इतने ताकतवर हो गए हैं कि संयुक्त राष्ट्र को आदेश दे रहे हैं। उन्होंने इज़रायल के प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा तैनात शांति सैनिकों को दक्षिणी लेबनान से हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र को निर्देश दे रहे हैं। इस कदम को मादुरो ने नेतन्याहू की “हिम्मत” करार दिया।
राष्ट्रपति मादुरो ने आगे हिटलर के साथ नेतन्याहू की तुलना करते हुए कहा कि, “हिटलर में भी वह हिम्मत नहीं थी, जो इस दानव में है, जिसे यूरोपीय संघ और अमेरिकी साम्राज्य ने मिलकर तैयार किया है।” यह बयान दर्शाता है कि मादुरो इज़रायल के प्रधानमंत्री और पश्चिमी शक्तियों के बीच एक गहरे संबंध को देख रहे हैं, जिसमें उन्होंने नेतन्याहू की आलोचना करते हुए उन्हें पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित बताया है।
मादुरो के इस तीखे बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं। वेनेजुएला सरकार ने हमेशा से फिलिस्तीनी अधिकारों के समर्थन में और इज़रायल के सैन्य आक्रमणों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, और यह बयान उस नीति का ही हिस्सा प्रतीत होता है। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि मादुरो, नेतन्याहू को एक ऐसे नेता के रूप में देख रहे हैं, जो पश्चिमी देशों की मदद से मध्य पूर्व में अत्याचार कर रहा है, और उनकी सरकार उन लोगों के समर्थन में खड़ी है जो इन अत्याचारों का शिकार हो रहे हैं।