नेतन्याहू ने गैलेंट को फिर दी कैबिनेट से हटाने की धमकी
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर से अपने रक्षामंत्री योआव गैलेंट को कैबिनेट से हटाने की धमकी दी है। नेतन्याहू ने यह चेतावनी दी है कि अगर गैलेंट यहूदी धर्मानुसार सैन्य सेवा से छूट देने वाले कानून का समर्थन नहीं करते हैं, तो उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया जाएगा। इस कानून के तहत कट्टर यहूदी समुदाय के लोगों को इज़रायली सेना में सेवा देने से छूट मिलती है, जिसे लेकर इज़रायली सरकार के भीतर लंबे समय से बहस चल रही है।
गैलेंट का इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख न लेने के चलते, नेतन्याहू के साथ उनके संबंधों में तनाव बना हुआ है। इससे पहले भी नेतन्याहू ने गैलेंट को इस मुद्दे पर चेतावनी दी थी, लेकिन अब मामला और गंभीर हो गया है।
इज़रायली सेना में बढ़ता संकट
इस समय इज़रायल के दक्षिणी लेबनान और ग़ाज़ा पट्टी में सैन्य संघर्षों के चलते उसकी सेना गंभीर संकट में है। पिछले एक साल के दौरान, खासतौर पर हाल के हफ्तों में दक्षिणी लेबनान में बढ़ते तनाव और संघर्षों के चलते इज़रायली सैनिकों की हालात बिगड़ रही है। इज़रायल की रिज़र्व सेना, जिस पर देश की सुरक्षा का बड़ा दारोमदार है, बुरी तरह से थक चुकी है।
इज़रायली सैनिकों के बीच बढ़ती थकान, चोटें, और मारे जाने वाले सैनिकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। विशेष रूप से, दक्षिणी लेबनान में हुए हालिया संघर्षों में इज़रायल को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। वहां के संघर्ष में इज़रायली सैनिकों की हताहतों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
राजनीतिक दबाव और सेना में संकट
इज़रायल के भीतर राजनीतिक दबाव भी बढ़ रहा है, खासकर जब नेतन्याहू की सरकार, यहूदी धार्मिक समुदाय के लोगों को सेना से छूट देने वाले कानून को लेकर विवाद का सामना कर रही है। इस कानून के विरोध में कई आवाजें उठ रही हैं, खासकर उन लोगों की जो मानते हैं कि सभी नागरिकों को समान रूप से सेना में सेवा देनी चाहिए, चाहे उनका धार्मिक रुख कुछ भी हो।
योआव गैलेंट, जो रक्षामंत्री के तौर पर देश की सुरक्षा नीतियों को संभालते हैं, इस मुद्दे पर बीच में फंसे हुए हैं। अगर वे इस कानून का समर्थन नहीं करते हैं, तो उन्हें नेतन्याहू की सरकार से बाहर किया जा सकता है, लेकिन अगर वे समर्थन करते हैं, तो उन्हें सेना और जनता दोनों से विरोध का सामना करना पड़ सकता है। इस घटनाक्रम से इज़रायली राजनीति में एक नया संकट पैदा हो गया है, जिसमें नेतन्याहू और गैलेंट के बीच का टकराव देश की सुरक्षा और सरकार की स्थिरता पर भी असर डाल सकता है।