अपने खिलाफ चल रहे जन विरोध से डरे नेतन्याहू, हड़ताल को खत्म करवाने के लिए अदालत पहुंचे

अपने खिलाफ चल रहे जन विरोध से डरे नेतन्याहू, हड़ताल को खत्म करवाने के लिए अदालत पहुंचे

तेल अवीव: नेतन्याहू सरकार अपने खिलाफ चल रहे जन विरोध से बुरी तरह परेशान हो गई है। उसने सोमवार को होने वाली ट्रेड यूनियन की हड़ताल को खत्म करवाने के लिए अदालत का सहारा लिया है। वहीं, आम प्रदर्शनकारियों को भी डराने-धमकाने का काम कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार 6 बंधकों की मौत के मामले में शनिवार रात से बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है। तेल अवीव, हाइफा समेत विभिन्न शहरों में हजारों इजरायली नागरिक अपनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।

सोमवार को इस विरोध में ट्रेड यूनियन के शामिल हो जाने से नेतन्याहू सरकार घबरा गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस विरोध को सोमवार के दिन ट्रेड यूनियन और अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया। इसके खिलाफ नेतन्याहू सरकार ने अदालत का सहारा लिया। ‘बीएनई इंटेली न्यूज़’ की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में इजरायल की लेबर कोर्ट ने ट्रेड यूनियनों को आदेश दिया है कि वे सरकार विरोधी विरोध से बाज़ रहें और प्रदर्शन को तुरंत खत्म करें।

इस संबंध में टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट में दावा किया गया कि लेबर कोर्ट की ओर से आदेश जारी होने के बाद ट्रेड यूनियन ने सोमवार दोपहर में अपनी हड़ताल वापस ले ली है। हालांकि, बंधकों के परिवारों और उनकी रिहाई की मांग के तहत गठित किए गए फोरम ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपना विरोध जारी रखें।

इजरायली प्रधानमंत्री ने हड़ताल की आलोचना की
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपनी सरकार के खिलाफ हो रहे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों पर कड़ा रुख अपनाया है। नेतन्याहू ने कहा कि सोमवार को ट्रेड यूनियन द्वारा की गई हड़ताल, विरोध नहीं है, यह बंधकों को छुड़ाने के लिए प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह यहिया सिनवार और हमास का खुला समर्थन है।

हड़ताल रोकने के लिए सरकार लेबर कोर्ट पहुंची
नेतन्याहू सरकार के कट्टरपंथी धार्मिक और अतिवादी वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने इस अपील को रोकने के लिए इजरायली अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखा है और कहा है कि इजरायली लेबर कोर्ट को हड़ताल करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उनके इस संदेश का साफ संकेत है कि हड़ताल पर जाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

हिस्टाड्रट लेबर यूनियन द्वारा हड़ताल की घोषणा करने के कारण इजराइल में क्लीनिक, बैंक, सार्वजनिक परिवहन और अन्य क्षेत्रों की सेवाएं प्रभावित हुईं। इस मामले में याहू सरकार ने लेबर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिस पर तुरंत सुनवाई करते हुए लेबर कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। लेबर यूनियन ने कोर्ट में कहा कि नेतन्याहू सरकार द्वारा युद्ध-विराम में की जा रही देरी और बंधकों को छुड़ाने में नाकामी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। इस तर्क को कोर्ट ने खारिज कर दिया और हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया।

ध्यान रहे कि जहाज़ से और 6 बंधकों के शव मिलने के बाद पूरे इजरायल में सरकार के खिलाफ भारी नाराज़गी का माहौल है। शेष बंधकों की रिहाई की मांग के तहत हजारों इजरायली सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने तेल अवीव की आयलोन हाइवे को बंद कर दिया जिससे गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। तेल अवीव में भी जगह-जगह प्रदर्शनकारियों ने डेरा डाल रखा है और नेतन्याहू सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है।

इस संबंध में इजरायली विपक्ष के नेता यायर लापिड ने बंधकों की रिहाई के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल की अपील की थी। जिसके बाद इजरायली मजदूर यूनियन ने भी बंधकों की रिहाई के लिए हड़ताल शुरू कर दी। विरोध का दायरा बढ़ता जा रहा है और बेन गुरियन एयरपोर्ट सोमवार सुबह आठ बजे से बंद है। नगरपालिका सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। अल-अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों का याहू सरकार से मांग है कि बंधकों को गाजा में अल-कसम ब्रिगेड की कैद से जीवित रिहाई दिलाई जाए और नेतन्याहू सरकार तुरंत हमास के साथ युद्ध-विराम समझौता करे।

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