ग़ज़ा पट्टी के मध्य क्षेत्र में इज़रायली अधिकारी की मौत

ग़ज़ा पट्टी के मध्य क्षेत्र में इज़रायली अधिकारी की मौत

ग़ज़ा पट्टी में जारी संघर्ष के बीच, इज़रायली सेना ने घोषणा की है कि उनके एक वरिष्ठ अधिकारी की गोली लगने से मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार, 35 वर्षीय मेजर अमित लेवी, जो कि बटालियन 6551 के टोही दल के कमांडर थे, ग़ज़ा पट्टी के मध्य क्षेत्र में नेतसारिम इलाके में मारे गए। इज़रायली सेना के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब मेजर अमित लेवी क्षेत्र में हमले का नेतृत्व कर रहे थे।

इस घटना को लेकर इज़रायली सेना के रेडियो ने एक सैन्य सूत्र के हवाले से बताया कि मेजर अमित लेवी की मौत, स्नाइपर की गोली लगने से हुई। इस घटना ने इज़रायली सेना के मनोबल पर असर डाला है और इस क्षेत्र में संघर्ष और तेज होने की संभावना बढ़ गई है।

हमास का पलटवार
इसी बीच, हमास के सैन्य विंग क़स्साम ब्रिगेड्स ने इज़रायली सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का दावा किया है। क़स्साम ब्रिगेड्स ने घोषणा की है कि उन्होंने ग़ज़ा पट्टी के उत्तरी हिस्से में जबालिया शरणार्थी शिविर के पश्चिम में एक इज़रायली अपाचे हेलीकॉप्टर को निशाना बनाया। इस हमले में उन्होंने साम-7 मिसाइल का इस्तेमाल किया। यह मिसाइल एक प्रभावशाली वायु रक्षा हथियार के रूप में जानी जाती है।

इसके अलावा, क़स्साम ब्रिगेड्स ने ग़ज़ा पट्टी के मध्य क्षेत्र में अल-नसीरात के उत्तर में इज़रायली सेना के मर्कवा टैंक को निशाना बनाने और एक ड्रोन को गिराने का भी दावा किया। उन्होंने इन हमलों की तस्वीरें और वीडियो जारी किए हैं, जिसमें इज़रायली सेना के नुकसान को दिखाया गया है।

यह घटनाएं ग़ज़ा पट्टी में तनाव को और बढ़ा रही हैं। इज़रायली सेना और हमास के बीच जारी इस संघर्ष ने ग़ज़ा पट्टी में हालात को और खराब कर दिया है। बता दें कि, इज़रायली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के विभिन्न इलाकों में हवाई हमलों को तेज कर दिया है। इज़रायली सेना हमले में आम नागरिकों को लगातार निशाना बना रही है, यहां तक कि, वह अस्पतालों पर बमबारी करके मरीज़ों तक को नहीं छोड़ रही है।

ग़ज़ा पट्टी में इज़रायली सैनिकों की बढ़ती हिंसा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। जहां एक तरफ इज़रायली सेना अपनी कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई बता रही है, वहीं वह इस क्षेत्र में मासूम बच्चों, महिलाओं और आजम नागरिकों का नरसंहार कर रही है।

विश्लेषकों का मानना है कि इन घटनाओं से ग़ज़ा पट्टी में संघर्ष और गहराने की संभावना है। मेजर अमित लेवी जैसे वरिष्ठ अधिकारी की मौत से इजरायली सेना पर दबाव बढ़ेगा। दूसरी ओर, हमास की तरफ से लगातार हो रहे हमले इज़रायली सेना के लिए एक बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। ग़ज़ा पट्टी में स्थिति कब सामान्य होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन इस संघर्ष ने यहां के नागरिकों के जीवन को और अधिक असुरक्षित बना दिया है।

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