ग़ाज़ा में इज़रायली सेना की क्रूरता जारी, सड़कों पर लगे लाशों के ढेर
ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायली सेना और हमास के बीच संघर्ष जारी है। विनाशकारी हमलों के परिणामस्वरूप, सड़कों पर हर जगह शव बिखरे पड़े हुए हैं। दूसरी ओर, युद्ध-विराम की कोई दूर-दूर तक संभावना दिखाई नहीं दे रही है। इज़रायल यूएन के संघर्ष- विराम प्रस्ताव को ठुकराकर लगातार आम नागरिकों का नरसंहार कर रहा है। उसकी इस क्रूरता में अमेरिका लगातार उसका समर्थन कर रहा है।
अमेरिका हमास के हमले को आतंकवाद, और इज़रायली हमले को आत्मरक्षा बता रहा है, जबकि उसका पाखंड पूरी दुनियां के सामने खुलकर सामने आ गया है। जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो अमेरिका रूसी हमले को यूक्रेनी जनता का नरसंहार बता रहा था, लेकिन ग़ाज़ा पट्टी में वह इज़रायली हमले को नरसंहार कहने और उसे रोकने की जगह इज़रायल का खुल कर समर्थन कर रहा है। उसके इस समर्थन के कारण अमेरिकी जनता लगातार बाइडन सरकार और नेतन्याहू के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही है।
ग़ाज़ा पट्टी में स्वास्थ्य मंत्रालय की घोषणा के अनुसार, जमीनी स्तर पर नवीनतम घटनाक्रम में, इज़रायल की लगातार बमबारी और जमीनी कार्रवाई के परिणामस्वरूप पिछले 24 घंटों में 200 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। दूसरी ओर, इज़रायली सेना ने कहा है कि ग़ाज़ा पट्टी में उसके नौ सैनिक मारे गए हैं, जिससे 20 अक्टूबर को इज़रायली जमीनी हमले के बाद से वहां युद्ध अभियानों में उसके हताहतों की संख्या 152 हो गई है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार यह आंकड़ा बहुत काम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इज़रायल अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा छुपा रहा है। अगर इज़रायल ने अपने सैनिकों की मौत का सही आंकड़ा पेश कर दिया तो इससे इज़रायल में नेतन्याहू के ख़िलाफ़, जनता और सेना विद्रोह कर सकती है। यह भी वास्तविकता है कि ग़ाज़ा के सभी मीडिया कर्मी इज़रायल द्वारा मारे जा चुके हैं। इस समय जो भी ख़बरें बाहर आ रही हैं, वह इज़रायली मीडिया द्वारा ही बाहर आ रही हैं क्योंकि 75 प्रतिशत मीडिया इज़रायल के नियंत्रण में है।
इज़रायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के करीब 3 महीने बाद इज़रायल ने और भी घातक हमले शुरू कर दिए हैं जिसमें दर्जनों फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। उत्तरी, मध्य और दक्षिणी ग़ाज़ा में सड़कें शवों से अटी पड़ी हैं। ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जमीनी, समुद्री और हवाई बमबारी के साथ इज़रायली जवाबी बमबारी में 20,258 लोग मारे गए हैं और 53,000 से अधिक घायल हुए हैं। घायलों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।


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