ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कुछ भी कर गुज़रेगा इस्राईल

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कुछ भी कर गुज़रेगा इस्राईल  इस्राईल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ने से रोकने के लिए इस्राईल हर संभव कोशिश कर रहा है। हालांकि कहने को तो इस्राईल की कुख्यात खुफिया एजेंसी मोसाद ने 2012 के बाद से अपना हत्या अभियान बंद कर दिया है।

जबकि अमेरिका और इस्राईल के खुफिया तंत्र का मानना है कि इस्राईली एजेंसी के इस अभियान ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को धीमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एप्पल न्यूज़ ने रिपोर्ट देते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि इस्राईल की कुख्यात जासूसी एजेंसी की ओर से यह टारगेट किलिंग और इस अभियान के लिए प्रयोग किए गए तरीकों के आधार पर हत्याओं की निंदा यह प्रशंसा नहीं की जाती बल्कि यह देखा जाता है कि यह काम किसने किया है।

अभी यह देखा जाना बाकी है कि ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका की संपूर्ण विदाई, सीरिया में छद्म युद्ध में बढ़ोतरी का कारण बनेगी या नहीं और यह भी संभव है कि ईरान और इस्राईल के बीच एक बार फिर से गुप्त युद्ध शुरू हो जाए।

जो भी हो हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा के इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने के नतीजे में इस्राईल और ईरान के बीच छद्म युद्ध बढ़ता है या नहीं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें हाल ही में अरब सागर में ओमान तट के निकट इस्राईल के ऑयल टैंकर पर हुए तथाकथित ड्रोन हमले का आरोप इस्राईल समेत अब अमेरिका और ब्रिटेन भी ईरान के सर मंढ रहे हैं जबकि ईरान इस हमले में अपने किसी भी भूमिका से इंकार करता रहा है।

अमेरिका ब्रिटेन ने भी इस्राईल के सुर में सुर मिलाते हुए ओमान तट के निकट अरब सागर में इस्राईल के इस जहाज़ पर हुए तथाकथित हमले का आरोप ईरान के सर मंढा है।

 

 

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