इज़रायल अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अक्षमता का लाभ उठाना चाहता है: अमीर क़तर 

इज़रायल अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अक्षमता का लाभ उठाना चाहता है: अमीर क़तर 

क़तर के अमीर, तमीम बिन हमद अल थानी, ने हाल ही में दोहा में आयोजित एशिया सहयोग संवाद सम्मेलन में इज़रायल के प्रति कड़ी आलोचना की। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि गाज़ा में चल रही घटनाएँ स्पष्ट रूप से एक नरसंहार हैं, और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक प्रयासों की कमी पर चिंता व्यक्त की।

अमीर ने कहा कि सभी देशों को अपने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए तनाव को कम करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि बिना सही तरीके से संघर्ष को नियंत्रित किए, कोई भी स्थायी शांति नहीं हो सकती।

इज़रायल का लाभ उठाना

उन्होंने इज़रायल पर आरोप लगाया कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कमजोरियों और अक्षमताओं का लाभ उठा रहा है, विशेष रूप से जब बात वेस्ट बैंक में बस्तियों के निर्माण की आती है। अमीर ने कहा कि इज़रायल लेबनान में अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है और उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की।

फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन

क़तर के अमीर ने कहा कि उनका देश हमेशा फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलिस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकारों की प्राप्ति के लिए समर्थन देना जारी रहेगा।

खतरनाक युद्ध का सामना

अमीर ने कहा कि गाज़ा में इज़रायल द्वारा शुरू किया गया युद्ध गंभीर खतरे की स्थिति पैदा कर रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एक न्यायपूर्ण शांति और 1967 की सीमाओं में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के बिना सुरक्षा हासिल नहीं की जा सकती।

लेबनान पर आक्रमण की निंदा

उन्होंने इज़रायल द्वारा लेबनान पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा की और चेतावनी दी कि यदि इज़रायल को उसके मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया गया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

सम्मेलन की पृष्ठभूमि

यह एशिया सहयोग संवाद सम्मेलन दो दिनों तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 35 देशों के राष्ट्रपति और सरकार के प्रमुख भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने और एशियाई देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।

अमीर की इस टिप्पणी ने वैश्विक स्तर पर इज़रायल के खिलाफ एक और जोरदार आवाज उठाई है, विशेषकर उस समय जब मध्य पूर्व में तनाव और संघर्ष की स्थिति बढ़ रही है।

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