हाइफा पर हमले के बाद, इज़रायल में हाई अलर्ट
हिजबुल्लाह ने रविवार रात इज़रायल के हाइफा शहर पर हमला किया। अलजजीरा के मुताबिक हिजबुल्लाह ने पहली बार उत्तरी इज़रायल के इस शहर को निशाना बनाया है। इसमें कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं। लोगों को छर्रे और कांच से चोटें आईं हैं। सभी को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
हिजबुल्लाह ने तिबेरियस शहर पर भी हमला किया। इसमें एक शख्स घायल है। वहीं, हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने इज़रायल के कार्मेल मिलिट्री बेस को भी निशाना बनाया है। इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि हिजबुल्लाह ने रविवार को लेबनान से 120 से ज्यादा रॉकेट्स दागे।
लेबनान में इज़रायली सैनिकों का हिजबुल्लाह के खिलाफ ग्राउंड ऑपरेशन जारी है। टाइम्स ऑफ इज़रायल की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को लेबनान की बॉर्डर पर हमले में एक इज़रायली सैनिक की मौत हो गई। इस अटैक में दो सैनिक भी घायल हैं। मरने वाले सैनिक का नाम मास्टर सार्जेंट एते अजुले (25) है।
इज़रायल ने देश भर में हाई अलर्ट जारी किया है। क्योंकि उसके दक्षिण हिस्से में हमास हमले की 7 अक्टूबर को पहली बरसी पर याद मनाई जा रही है। मौजूदा इज़रायल-हमास युद्ध, इज़रायल-हिजबुल्लाह युद्ध, इज़रायल-ईरान संघर्ष के अलावा एक बड़े खाड़ी संकट के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है।
यह अलग बात है कि हमास हमले के जवाब में इज़रायल अब तक फिलिस्तीन में 40 हजार से ज्यादा लोगों का कत्ल-ए-आम कर चुका है। जिसमें बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों की तादाद ज्यादा है। उसने लेबनान में सैकड़ों लोगों को बम बरसा कर मार डाला है।
यह युद्ध अब दो मोर्चों पर शुरू हो गया है। इज़रायल, ग़ाज़ा और लेबनान दोनों में भारी बमबारी और बड़े पैमाने पर बस्तियां खाली करने के आदेश जारी कर रहा है। हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान द्वारा मिसाइल हमलों की झड़ी लगाने के बाद उसके खिलाफ जवाबी हवाई हमले की भी आशंका है। इससे मौजूदा संघर्ष घटने की बजाय और बढ़ेगा।
इज़रायल के इस फैसले पर व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने उससे रेडलाइन पार न करने का अनुरोध किया है। अमेरिका का मानना है कि इससे पूरे क्षेत्र में संघर्ष बढ़ सकता है। व्हाइट हाउस और पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारी अपेक्षित जवाबी हमले पर इज़रायल के साथ सलाह-मशविरा कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी नेतन्याहू से ईरानी परमाणु या तेल उत्पादन को लक्ष्य नहीं बनाने का आग्रह किया है।
अमेरिका को इस बात का खतरा है कि, ईरानी परमाणु या तेल उत्पादन को लक्ष्य बनाया गया तो ईरान इस बार इज़रायल पर भीषण हमले कर सकता है, जिसका एलान ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने जुमे के भाषण में कर दिया है। यह भी तय है कि, आयतुल्लाह ख़ामेनेई जो कहते हैं वह करते ज़रूर हैं। उनकी धमकी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इज़रायल और अमेरिका दोनों पिछले हफ्ते ईरान का हमला देख भी चुके हैं।