इज़रायल, लेबनानियों के ख़ून से युद्ध-विराम के विरोध का संदेश लिख रहा है: मीकाती
लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मीकाती ने दक्षिणी लेबनान में इज़रायली सेना द्वारा लेबनानी सेना के सैन्य ठिकाने पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस हमले को लेबनान की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों पर एक गंभीर हमला बताया।
मीकाती ने कहा कि, “कल इज़रायल द्वारा लेबनानी सेना के दक्षिणी ठिकाने पर किए गए हमले में कई सैनिक शहीद और घायल हुए। यह हमला इज़रायल की ओर से ख़ून से लिखा गया संदेश है, जो वर्तमान में चल रहे युद्ध-विराम प्रयासों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 को लागू करने के प्रयासों के खिलाफ है।”
सीधे सेना और नागरिकों पर हमला
नजीब मीकाती ने इस हमले को लेबनानी सेना और आम नागरिकों पर इज़रायल के बार-बार के हमलों की एक और कड़ी बताया। उन्होंने कहा कि, “दुश्मन इज़रायल का यह सीधा हमला, उसकी बार-बार की गई सैन्य आक्रामकता का हिस्सा है, जो लेबनानी सेना और नागरिकों के खिलाफ की जा रही है। यह हमले अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी के कारण और अधिक बढ़ते जा रहे हैं।”
अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों की अवहेलना
मीकाती ने कहा कि इज़रायल न केवल लेबनान बल्कि पूरी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के खिलाफ कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा, “इज़रायल ने सितंबर में अमेरिका और फ्रांस द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। अब वह अपने वर्चस्व को कायम रखने और हर समाधान को अस्वीकार करने के लिए लेबनानी ख़ून से अपना आपत्तिजनक संदेश लिख रहा है।”
दक्षिणी लेबनान में बड़ा हमला
इससे पहले खबरों में बताया गया कि (रविवार) इज़रायल ने दक्षिणी लेबनान के नाकौरा क्षेत्र में अल-आमरीये नामक लेबनानी सैन्य चौकी पर हमला किया था। इस हमले में एक लेबनानी सैनिक शहीद हो गया, जबकि 15 अन्य सैनिक घायल हो गए।