इस्राईल ने आबादी के कम होने के कारण किया कोरोना पर कंट्रोल

इस्राईल ने आबादी के कम होने के कारण किया कोरोना पर कंट्रोल, वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार,  डॉ एंथनी फ़ाउची (Dr Anthony S Fauci)  ने चैनल 13 न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कोरोना वायरस से लड़ने के तरीके का वर्णन किया है ।

यरुशलम पोस्ट के अनुसार एक इंटरव्यू में डॉ एंथनी फ़ाउची ने कहा दुर्भाग्य से इस नए वायरस की उपस्थिति एक बुरे सपने के रूप में सामने आई है वो भी एक ऐसा वायरस जिसने जानवर के शरीर से इंसान के शरीर मे प्रवेश किया है और जिसका संक्रमण बहुत ही आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच जाता है तथा संक्रमित व्यक्तियों और मृत्यु दर को काफी हद तक ऊपर ले जाने की घातक क्षमता रखता है।

उन्होंने कहा कि “मैं अक्सर उदहारण के रूप में इस्राईल के बारे में कहता हूँ कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस्राईल ने जिस तरह से सफलता हासिल की है उसको हम स्वीकार करते हैं। साथ ही मैं ये भी नही कहता कि इस्राईल ने पूरी तरह से सब कुछ सही ही किया क्योंकि कोई भी सब कुछ ही सही नहीं करता है।” लेकिन कम आबादी होने के कारण उन लोगो ने अच्छे से काम किया और बेहतर तरीक़े से कोरोना को कंट्रोल किया।

उन्होंने कहा कि “मुझे लगता है कि इस्राईल अपने इतिहास और इस की राजनीतिक परिस्थितियों के कारण, एक इकाई के रूप में एक साथ रहना जानता है।”

डॉ फ़ाउची ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका मानना ​​है कि इस्राईल बहुत जल्द ही अपनी पूरी आबादी को भी कोरोना वैक्सीन लगा देगा क्योंकि जब लगभग पूरे देश की आबादी को एक संक्रमक बीमारी ने अपने पंजे में जकड़ लिया हो और इसके खिलाफ टीकाकरण करके ही सबको सुरक्षित किया जा सकता है,

डॉ फ़ाउची ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि हो सकता है कि हमें कई वर्षों तक टीकाकरण जारी रखना पड़े, तथा उन्होंने युवाओं और बच्चों को यह बताते हुए टीकाकरण करवाने का आग्रह किया कि “समुदाय का टीकाकरण करने के लिए वे एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकते हैं।”

बताते चले कि डॉ फ़ाउची ने ट्रम्प के प्रशासन काल मे भी अपनी सेवाओं का योगदान किया था बाइडन और ट्रम्प दोनों के प्रशासन के साथ काम करने के बाद, एक ओर फौसी ने बाइडन के लिए उच्च स्तर की बात की, जिसमें कहा कि बाइडन ने “विज्ञान, साक्ष्य और डेटा को प्रत्यक्ष करने का वादा किया है जो हम कर रहे हैं।” तो वही दूसरी ओर ट्रम्प के तहत काम करने की अपनी असहमति की भी बात की, विशेष रूप से “हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन”के उपयोग के बारे में, और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें और उनके परिवार को “विज्ञान विरोधी” लोंगो से मौत की धमकियां मिलती रहती हैं।

 

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