ईरान की बदले की कार्रवाई का निशाना तो नहीं बना इस्राईल का जहाज़ ?

ईरान और इस्राईल मीडिल ईस्ट के लगभग हर घटनाक्रम में कहीं न कहीं किसी न किसी रूप से उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं
हालिया दिनों में ईरान और इस्राईल के बीच दुश्मनी लगातार बढ़ती ही जा रही है। ईरान हर हाल में अपने शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की हत्या का बदला इस्राईल से लेना चाहता है। पिछले हफ्ते ओमान की खाड़ी में इस्राईल के एक जहाज को बम से उड़ा दिया गया।
इस्राईल के रक्षा मंत्री बेनी गांट्ज़ का मानना है कि इसके पीछे उसके कट्टर दुश्मन ईरान का हाथ है। इस्राईल की कंपनी का जहाज MV Helios Ray सऊदी के दम्माम पोर्ट से सिंगापुर जा रहा था। इसी बीच गुरुवार को उसमें एक जोरदार धमाका हुआ।

वैश्विक समुद्री रक्षा समूह दरयाद के मुताबिक जहां धमाका हुआ, वह घटना स्थल ईरान के काफी पास था। इस्राईल के रक्षा मंत्री का कहना है कि घटना स्थल को देखते हुए इस बात की आशंका ज्यादा है कि इसके पीछे ईरान का हाथ था, लेकिन अभी इसकी पुष्टि की जाना बाकी है। गांट्ज़ ने सरकारी टीवी पर कहा कि शुरुआती समीक्षा में शक की सुई ईरान की ओर घूम रही है। उन्होंने कहा कि मुझे भी यही लगता है।
इस्राईली बिजनेसमैन रामी उनगर जहाज के मालिक हैं उन का कहना है कि धमाके से किसी स्टाफ की जान नहीं गई और शुक्र है कि इंजन भी बच गया। मगर जहाज में 5-5 फुट के दो बड़े छेद हो गए। उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें यह नहीं पता है कि जहाज पर मिसाइल से हमला किया गया या फिर मैगनेट बम लगाकर इसे अंजाम दिया गया है। जहाज के मालिक ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई आइडिया नहीं है कि यह हमला ईरान और अमेरिका में बढ़े तनाव की वजह से है या फिर यह हमला इसलिए किया गया कि इसका मालिक इस्राईल का है।

दरयाद ग्लोबल (Dryad Global) को आशंका है कि इसके पीछे ईरान का हाथ हो सकता है और इस घटना के बाद ईरान और इस्राईल के पीछे तनाव और बढ़ सकता है। दरयाद का कहना है, ‘इस्राईल और ईरान के बीच तनाव बना रहेगा। खासतौर से जब ईरान और जो बाइडेन प्रशासन के बीच बातचीत की संभावनाएं बन रही हैं।’ अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान के साथ बातचीत के दरवाजे खोले हैं। पिछले हफ्ते अमेरिका ने ईरान के साथ बातचीत की पेशकश की थी।

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