ईरान के सुप्रीम नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनई ने ईरान और विश्व शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते के पालन को लेकर कहा कि ईरान अब इस समझौते की शर्तों का तभी पालन करेगा जब ईरान के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को हटा उन्हें निष्प्रभावी बना दिया जाएगा।
सुप्रीम नेता ख़ामनेई ने ईरान के परमाणु समझौते में लौटने की संभावना बयान करते हुए कहा कि यह तभी संभव है जब अमेरिका की ओर से लगाए गए सभी प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया जाएगा। ख़ामेनई ने कहा कि ईरान परमाणु समझौते में दिए गए वचन पर अब तभी अमल करेगा जब अमेरिका हम पर थोपे गए प्रतिबंधों को हटाए और हम उसकी सच्चाई को आज़मा लें।
ख़ामनेई ने यूरोप और अमेरिका की ओर से किसी भी शर्त की संभावना को नकारते हुए कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देशों को परमाणु समझौते के संबंध में किसी प्रकार की शर्त रखने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने ही इस समझौते का उल्लंघन किया, उन्होंने इस समझौते का पालन ही नहीं किया अगर कोई पक्ष शर्त रख सकता है तो वह सिर्फ ईरान है।
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने ईरान के 2009 चुनाव के बाद हुई हिंसा की याद दिलाते हुए कहा कि अमेरिका सदैव ईरान का गलत आंकलन करता रहा है। यह गलती अब भी जारी है। इसी का एक नमूना जब सामने आया था जब 2009 में हमारे यहाँ चुनाव बाद हुए उपद्रव का अमेरिकी राष्ट्रपति ने आधिकारिक रूप से समर्थन किया था।