ईरान एक महान शक्ति, इज़रायल उससे लड़ने में सक्षम नहीं: इज़रायली मीडिया
हिब्रू अखबार मआरीव ने अपने हालिया लेख में ईरान की ताकत और इज़रायल के साथ उसके संभावित संघर्ष की संभावनाओं पर गहराई से चर्चा की है। अखबार ने यह स्पष्ट किया कि ईरान को नजरअंदाज करना या उसे कम आंकना इज़रायल के लिए एक बड़ी गलती साबित हो सकती है।
ईरान की ताकत और प्रभाव
मआरीव ने स्वीकार किया कि ईरान वर्तमान समय में एक महाशक्ति है। रिपोर्ट के अनुसार, “ईरान के पास सैकड़ों हजारों मिसाइलें हैं, जो उसे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली देश बनाती हैं।” इसके साथ ही, ईरान की अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए अखबार ने कहा कि “ईरान की अर्थव्यवस्था इज़रायल की अर्थव्यवस्था से सैकड़ों गुना बड़ी है,” जिससे यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक दृष्टि से भी ईरान का मुकाबला करना इज़रायल के लिए मुश्किल है।
यमन से बढ़ती चिंता
अखबार ने ईरान के साथ जुड़े हुए यमन के मुद्दे को इज़रायल के लिए एक बड़ी समस्या बताया। मआरीव के अनुसार, “यमन का मुद्दा इज़रायल की सुरक्षा और सैन्य संस्थाओं को अत्यधिक चिंतित कर रहा है। यमन के साथ समस्या जटिल है और यह देश एक सामान्य दुश्मन नहीं है। इस संदर्भ में, एक इज़रायली सुरक्षा अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, “यमनी हमारी सुरक्षा के लिए एक ऐसी चुनौती हैं जिसका हमने पहले कभी सामना नहीं किया। हमें यह नहीं पता कि यमन से कैसे निपटा जाए।”
ईरान के साथ संघर्ष की चुनौती
मआरीव ने यह भी बताया कि इज़रायल के लिए ईरान के साथ लंबे और थकाऊ युद्ध में शामिल होना संभव नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, “इज़रायल के पास न तो संसाधन हैं और न ही सामरिक ताकत कि वह ईरान के साथ किसी लंबी लड़ाई में उलझ सके।”
ईरानी रणनीति को कम आंकने का खतरा
रिपोर्ट ने इज़रायली सुरक्षा विशेषज्ञों और सरकार को यह चेतावनी दी कि “ईरानी ताकत और उनकी रणनीति को कम आंकना इजरायल के लिए घातक हो सकता है।” मआरीव ने जोर देकर कहा, “ईरानी अपनी क्षमताओं और अपनी सामरिक सोच में बेहद प्रभावशाली हैं। उन्हें हल्के में लेना इज़रायल के लिए विनाशकारी हो सकता है।”
मआरीव की रिपोर्ट इज़रायल के सामने खड़ी गंभीर चुनौतियों को उजागर करती है, खासकर ईरान और उससे जुड़े अन्य मुद्दों जैसे यमन के संदर्भ में। यह लेख न केवल ईरान की ताकत को रेखांकित करता है, बल्कि इज़रायली नीति-निर्माताओं के लिए यह चेतावनी भी है कि उन्हें अपने क्षेत्रीय रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि ईरान और उससे जुड़े मुद्दे इज़रायल के लिए केवल सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से भी एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं।


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