अगर प्रतिरोध न होता, तो दुश्मन सीरिया की तरह लेबनान पर क़ब्ज़ा कर लेता: हिज़्बुल्लाह

अगर प्रतिरोध न होता, तो दुश्मन सीरिया की तरह लेबनान पर क़ब्ज़ा कर लेता: हिज़्बुल्लाह

लेबनान की संसद में हिज़्बुल्लाह से जुड़े “प्रतिरोध समूह” पार्टी के प्रतिनिधि हसन फ़ज़लुल्लाह ने कहा कि, अगर प्रतिरोध न होता, तो दुश्मन अब तक लेबनान की ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर चुका होता, ठीक वैसे ही जैसे वह आज सीरिया में कर रहा है।

फ़ज़लुल्लाह ने कहा कि हालिया जंग में दुश्मन का मक़सद दक्षिण लेबनान के इलाक़ों और गांवों पर क़ब्ज़ा करना था। वह कम से कम “लितानी नदी” के दक्षिणी हिस्से पर नियंत्रण, वहां के लोगों को बेघर करने और बाद में बस्तियां बसाने की योजना बना रहा था। लेकिन प्रतिरोध के जाँबाज़ों की बहादुरी, उनकी शहादत की भावना और सीमाओं पर दुश्मन की सबसे सख़्त और मज़बूत फ़ौजों से सीधा मुकाबला करने के जज़्बे ने इज़रायल की तमाम योजनाओं को नाकाम कर दिया।

उन्होंने “अल-मनार” टीवी के हवाले से कहा कि यही प्रतिरोध की मौजूदगी है जिसने अब तक दुश्मन को लेबनान की ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने से रोका हुआ है। अगर ये प्रतिरोध समूह न होता, तो दुश्मन लेबनान पर भी उसी तरह क़ब्ज़ा कर चुका होता जैसे वह सीरिया में कर रहा है और जिस तरह वह फ़िलिस्तीन के पश्चिमी किनारे (वेस्ट बैंक) को अपने में मिलाने की कोशिश कर रहा है।

फ़ज़लुल्लाह ने कहा कि जिन्होंने ग़ाज़ा और लेबनान में डटे रहकर दुश्मन का सामना किया, उन्होंने भारी क़ुर्बानियों और दर्द के बावजूद क़ब्ज़े को रोकने में कामयाबी हासिल की है। उनका कहना था कि इस हमले के तमाम मक़सद नाकाम हो चुके हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध-विराम (ceasefire) के बाद का दौर, 2006 के हालात से बिलकुल अलग होगा — ताक़त के संतुलन और क्षेत्रीय हालात दोनों के लिहाज़ से।

फ़ज़लुल्लाह ने स्पष्ट किया कि भले ही हिज़्बुल्लाह के समर्थक लेबनान सरकार की कार्यप्रणाली पर आलोचना करते हैं, लेकिन प्रतिरोध ने उन तमाम समझौतों का पालन किया है जिन पर सरकार ने सहमति जताई थी, क्योंकि मौजूदा दौर की परिस्थितियां अलग हैं।

उन्होंने कहा कि इज़रायल के हमले, जो आम नागरिकों और बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहे हैं, दरअसल दक्षिणी लेबनान के लोगों पर दबाव डालने के लिए हैं — ताकि वे अपने घर छोड़ दें और आत्मसमर्पण कर दें। यह सैन्य दबाव, राजनीतिक और आर्थिक दबावों के साथ मिलकर देश को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि कुछ लेबनानी संस्थाएं भी बाहरी दबावों के अधीन होकर इस आर्थिक नाकेबंदी और पुनर्निर्माण में रुकावट की वजह बनी हुई हैं।

फ़ज़लुल्लाह ने कहा कि दक्षिण के पुनर्निर्माण और लोगों की वापसी को रोकने के लिए एक नई जंग चलाई जा रही है, लेकिन इस जंग का डटकर सामना किया जाएगा, क्योंकि “दक्षिण का पुनर्निर्माण, शहीदों के ख़ून जितना पवित्र है।” उन्होंने आगे कहा कि हम किसी भी ऐसी घरेलू नीति को स्वीकार नहीं करेंगे जो संविधान और कानून के ख़िलाफ़ हो। कुछ लोग विदेशी दबाव में खुलकर कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

फ़ज़लुल्लाह के मुताबिक़, लेबनान दो बड़े चुनौतियों से जूझ रहा है:
1- इज़रायल के हमले और उनसे निपटने में सरकार की ज़िम्मेदारी;
2 – पुनर्निर्माण का मुद्दा।

उन्होंने कहा कि,सरकार का फ़र्ज़ है कि वह अपनी ज़िम्मेदारी निभाए और युद्ध-विराम समझौतों के गारंटर देशों पर दबाव बनाए कि वे इज़रायल को हमले रोकने के लिए मजबूर करें। उन्होंने कहा कि, अगर सरकार कोई सकारात्मक क़दम उठाती है तो प्रतिरोध भी उसी तरह सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी, क्योंकि मक़सद खून-ख़राबे को रोकना और इज़रायल द्वारा मचाई जा रही तबाही को रोकना है।

अंत में फ़ज़लुल्लाह ने कहा कि दक्षिण के लोगों का अपनी ज़मीन पर डटे रहना और उसे फिर से बसाने का इरादा ही असली प्रतिरोध है। ज़मीन की हिफ़ाज़त, चाहे जितनी क़ीमत क्यों न चुकानी पड़े, यही हमारी पक्की राह है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा — “जो भी लेबनान की परवाह करता है, उसकी पहली प्राथमिकता देश की संप्रभुता की रक्षा और इज़रायली हमलों को रोकना होनी चाहिए।”

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *