कोरोना संकट चीन से निकल कर विश्व के अन्य क्षेत्रों में फैलना शुरू हुआ तो इटली और ईरान सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में शामिल थे। ऐसी स्थिति एम् जब ईरान को कोरोना किट और अन्य ज़रूरी दवाओं की अत्यंत आवश्यकता थी तब भी ईरान से अपनी दुश्मनी को और कटटरता से निभाते हुए ट्रम्प प्रशासन ने इस देश को ज़रूरी दवाओं की आपूर्ति में बहुत बाधाएं डाली और अपने अधिकतम दबाव की नीति पर चलते हुए इस देश की पूरी नाकाबंदी की।
अब जब अमेरिका की ओर से ईरान को कोरोना वैक्सीन देने की तैयारी की ख़बरें आ रही है तो ईरान ने अमेरिकी कंपनी द्वारा बनाई गयी वैक्सीन की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि कई देशों के पास हमारा पैसा था लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण वह देश हमें ज़रूरी दवा देने से भी मजबूर थे। ईरान को ज़रूरत के समय कई गंभीर रोगियों के लिए जिनमे बच्चे , बड़े और जवान शामिल थे , ज़रूरी दवाएं भी नहीं मिल सकीं।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं बता नहीं सकता हमारे खिलाफ कैसे अमानवीय अत्याचार किये गए , हम शुरू में पीपीई किट एवं मास्क समेत कई वस्तुओं के लिए जूझ रहे थे उस समय हमारे लिए मौजूद हर राहत सामग्री को भी रोक लिया गया। उन्होंने कहा कि कोरिया पर हमारा पैसा था हमने बदले में कोरोना किट की मांग की तो हमे दसियों बार आजकल पर टाल दिया गया अंत में उन्होने कहा कि हमे आज्ञा नहीं कि ईरान को ज़रूरी सामान दिया जाये।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह अमेरिका जो हमे हमारे ही पैसों को दवा के लिए रिलीज़ नहीं करने दे रहा था जो हमारी दवाओं को भी ब्लॉक कर रहा था आज हमारे स्वस्थ लोगों के लिए सही वैक्सीन दे रहा है इसे कौन सा बुद्धिमान स्वीकार कर सकता है ?