ग़ाज़ा में स्थायी युद्ध-विराम की उम्मीद करते हैं: चीन
चीन के विदेश मंत्रालय ने (गुरुवार) को एक बयान जारी कर ग़ाज़ा में हमास और इज़रायली शासन के बीच हुए युद्ध-विराम का स्वागत किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता केवल एक अस्थायी समाधान नहीं रहेगा, बल्कि ग़ाज़ा में पूरी तरह से लड़ाई खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “हम ग़ाज़ा में युद्ध-विराम समझौते का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि यह समझौता प्रभावी ढंग से लागू होगा और इसका नतीजा संघर्ष की पूर्ण समाप्ति और स्थायी युद्ध-विराम के रूप में सामने आएगा।”
इससे पहले, क़तर ने, जो इस समझौते में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, बुधवार रात इस युद्ध-विराम समझौते की घोषणा की। क़तर के अनुसार, यह युद्ध-विराम रविवार, 30 जनवरी से प्रभावी होगा। समझौते के पहले चरण के तहत 33 इज़रायली बंदियों को रिहा किया जाएगा, और इसे एक “स्थायी युद्ध-विराम” में बदले जाने की संभावना जताई गई है।
क़तर के प्रधानमंत्री ने इस समझौते को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो भविष्य में संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में बड़ा योगदान दे सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जो ग़ाज़ा नरसंहार में इज़रायल के साबसे बड़े मददगार थे, उन्होंने भी इस समझौते का स्वागत किया और इसे संघर्ष समाप्ति के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस समझौते का दूसरा चरण, जो अभी अंतिम रूप से तैयार नहीं हुआ है, “युद्ध का स्थायी अंत” सुनिश्चित कर सकता है। बाइडइन ने विश्वास जताया कि यह समझौता लागू रहेगा और क्षेत्र में शांति स्थापित करने में मददगार साबित होगा।
ग़ाज़ा में लंबे समय से जारी हिंसा और मानवीय संकट के मद्देनज़र इस युद्ध-विराम को एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह समझौता लंबे समय तक लागू रह पाता है और क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में कैसे काम करता है।