इज़रायल पर हिज़बुल्लाह का भीषण हमला, एक के बाद एक 60 रॉकेट दागे
शनिवार को बेरूत के इलाके में हमास के उप प्रमुख सालेह अल-अरुरी को निशाना बनाए जाने के जवाब में हिज़बुल्लाह ने भी इज़रायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। हिज़बुल्लाह ने इज़रायल के वायु सेना अड्डे को निशाना बनाकर एक के बाद एक 60 मिसाइलें दागीं, जिससे ज़ायोनी राज्य दहशत में आ गया।
इस आशंका के बीच कि हिज़बुल्लाह युद्ध में पूरी तरह से भाग ले सकता है, यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री बेरूत पहुंचे। जहां उन्होंने लेबनानी प्रधानमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को युद्ध में घसीटे जाने पर लेबनान के नुकसान के बारे में सूचित करने का प्रयास किया। उनके इस दौरे को इज़रायल को हिजबुल्लाह के हमलों से बचाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
इज़रायल के खिलाफ हिज़बुल्लाह की कार्रवाई
हिज़बुल्लाह का कहना है कि उसने हमास नेता सालेह अल-अरुरी की शहादत का बदला लेने के लिए एक महत्वपूर्ण इज़रायली सेना चौकी को निशाना बनाया। हिज़बुल्लाह ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उसने हवाई नियंत्रण के लिए इज़रायली सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक पहाड़ी चौकी पर रॉकेट दागे। इजराइल की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है। मंगलवार को इज़रायल ने लेबनान की राजधानी बेरुत में सालेह अल-अरुरी पर हमला किया था जिसमें वह शहीद हो गए। सालेह अल-अरुरी हमास के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को इज़रायल ने लेबनान की राजधानी बेरुत में सालेह अल-अरुरी पर हमला किया था जिसमें उनके साथ कुल 6 लोग शहीद हो गए शहीद हो गए। इसके बाद हिज़बुल्लाह ने सालेह अल-अरुरी की हत्या का बदला लेने के लिए इज़रायल पर लगातार 60 राकेट दाग़े। यह भी वास्तविकता है कि इज़रायल अपने हताहतों की संख्या किसी को नहीं बता रहा है।
इज़रायल को इस बात की आशंका है कि अगर उसने अपने सैनिकों की हत्या का सही विवरण दे दिया तो उसकी में बग़ावत हो सकती है। इसके साथ ही इज़रायली जनता भी नेतन्याहू के विरुद्ध सड़क पर उत्तर सकती है। याद रहे कि ग़ाज़ा की 80 प्रतिशत से ज़्यादा मीडिया इज़रायल के नियंत्रण में है। इस लिए वहां से जो भी आंकड़ा आता है वह इज़रायल द्वारा ही दिया जाता है।