सऊदी अरब से वार्ता के दावों का हिज़्बुल्लाह लेबनान ने किया खंडन
लेबनान के प्रभावशाली राजनैतिक दल एवं लोकप्रिय आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने उन दावों को रद्द कर दिया है जिन में कहा जा रहा था कि रियाज़ और हिज़्बुल्लाह के बीच यमन सीज़ फायर को लेकर बातचीत हुई है.
अल अखबार की रिपोर्ट के अनुसार हिज़्बुल्लाह के सूत्रों ने उन रिपोर्ट को झूट का पुलिंदा बताया है जिन में दावा किया जा रहा था कि यमन सीज़ फायर को लेकर हिज़्बुल्लाह और रियाज़ के प्रतिनिधि दल के बीच वार्ता हो रही है. अल अखबार ने हिज़्बुल्लाह के सूत्रों के हवाले से खबर देते हुए कहा है कि पिछले पांच साल से सऊदी अरब और हिज़्बुल्लाह के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है.
हिज़्बुल्लाह के सूत्र ने इन खबरों पर ताज्जुब जताते हुए कहा कि यह खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है . हमे इन खबरों पर हैरानी है, यह दुष्प्रचार इस लिए किया जा रहा है ताकि दिखाया जा सके कि अंसारुल्लाह के फैसले हिज़्बुल्लाह की ओर से लिए जाते हैं और यह बिल्कुल गलत है.
लेबनान के इस अधकारी ने दावा करते हुए कहा कि सऊदी अधिकारियों ने सीरिया के माध्यम से बार बार यह कोशिश की है कि हम अंसारुल्लाह और रियाज़ के बीच मध्यस्था करें. सऊदी अरब की इन हरकतों का एकमात्र उद्देश्य यह है कि वह यह प्रचार कर सके कि हिज़्बुल्लाह अंसारुल्लाह के फैसले लेता है और यह सरासर झूठ है.
अल अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर देते हुए कहा कि सऊदी अरब ईरान से भी बार बार यमन और रियाज़ के बीच मामला सुलझवाने की गुहार लगाता रहा है. सऊदी अरब का कहना है कि वह सीधे अंसारुल्लाह तक पहुँच नहीं रखता इसलिए तेहरान को बीच में आकर यह मामला सुलझाना होगा जबकि ईरान इस से पहले भी कह चुका है कि सऊदी अरब को यमन संकट से निकलने के लिए अंसारुल्लाह से सीधी बातचीत करना होगी.