हिज़बुल्लाह ने इज़रायली सेना के खिलाफ 22 हमले अंजाम दिए
लेबनानी प्रतिरोध संगठन हिज़बुल्लाह ने शनिवार को इज़रायली सेना के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई की घोषणा की। हिज़बुल्लाह के अनुसार, उनके लड़ाकों ने शनिवार को विभिन्न मोर्चों पर 22 हमले किए, जिनमें इज़रायल के अधिकृत क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया।
सीमा पर बड़े पैमाने पर हमले
हिज़बुल्लाह के बयान के अनुसार, इज़रायल की उत्तरी सीमा के निकट क्रियात शमोना, हाइफ़ा के उत्तर में स्थित क्रियोट, मेत्सुफ़ा, जतोन, यासूद हेमला, जल अलअलाम, हबूशीट और मालीह गोलानी जैसे इलाकों पर मिसाइल हमले किए गए। इन हमलों का उद्देश्य सीमा क्षेत्रों में इज़रायली सेना की मौजूदगी को कमजोर करना और उनके ठिकानों को नुकसान पहुँचाना था।
हिज़बुल्लाह ने कहा कि उनकी कार्रवाइयों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इरायली सेना के रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाना था। इनमें से एक “शराका” बेस पर किया गया मिसाइल हमला था, जिसे विशेष रूप से इज़रायली सैन्य संचार के लिए जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, एक व्यापक ड्रोन हमला “अलनाओरा” बेस पर किया गया, जो इज़रायली सैन्य गतिविधियों के लिए एक प्रमुख केंद्र माना जाता है।
तेल अवीव में ड्रोन हमले
इज़रायल की सैन्य शक्ति को चुनौती देने के उद्देश्य से हिज़बुल्लाह ने दक्षिणी तेल अवीव स्थित “तेल नोव” एयरबेस पर भी व्यापक ड्रोन हमले किए। यह एयरबेस इज़रायली वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है और इन हमलों का उद्देश्य उनके हवाई संचालन को बाधित करना था।
इंटेलिजेंस बेस पर मिसाइल हमला
इसके अलावा, हिज़बुल्लाह ने “मिशार” नामक इज़रायली इंटेलिजेंस बेस पर भी मिसाइल हमला किया। यह बेस इज़रायली खुफिया गतिविधियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इस पर हमले का उद्देश्य इज़रायली इंटेलिजेंस नेटवर्क को कमजोर करना था।
हिज़बुल्लाह ने अपने बयान में कहा कि इन ऑपरेशनों के तहत दुश्मन की सीमाओं के भीतर कई ठिकानों पर हमला किया गया। इन हमलों ने इज़रायल की सैन्य तैयारियों और उनकी रक्षा पंक्तियों को हिलाकर रख दिया। हिज़बुल्लाह का दावा है कि यह ऑपरेशन उनके सशस्त्र प्रतिरोध का हिस्सा है और वे आगे भी इज़रायली सेना के कब्ज़े और विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। इस बड़े हमले के बाद, इज़रायली अधिकारियों ने भी स्थिति का जायज़ा लिया और कहा कि वे हिज़बुल्लाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।