हिज़बुल्लाह ने इज़रायली क्षेत्र पर 360 गोले दागे 

हिज़बुल्लाह ने इज़रायली क्षेत्र पर 360 गोले दागे 

लेबनान के हिज़बुल्लाह संगठन और इज़रायल के बीच सीमा पर तनाव तेजी से बढ़ रहा है। इज़रायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के अनुसार, हिज़बुल्लाह ने 9 अक्टूबर की रात तक इज़रायल की ओर कुल 360 गोले दागे, जिनमें से 220 गोले इज़रायल के विभिन्न क्षेत्रों में गिरे। यह हमले दिन भर की घटनाओं का हिस्सा थे, जिनमें इज़रायल के उत्तरी इलाके खासकर लेबनानी सीमा के आसपास के क्षेत्र प्रभावित हुए।

आईडीएफ ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर बयान देते हुए कहा कि हमलों के बावजूद इज़रायली सेना ने जवाबी कार्रवाई की है और सीमा सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। आईडीएफ ने कहा, “हम इज़रायल और इसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाते रहेंगे। हालांकि इज़रायल सिर्फ आपने नागरिकों की बात कर रहा है, लेकिन ग़ाज़ा पट्टी में जो उसने मासूम बच्चों, औरतों, बुज़ुर्गों का खुल्लमखुल्ला नरसंहार किया है उस पर वह कोई जवाब नहीं दे रहा है।

क्षेत्रीय तनाव में बढ़ोतरी

पिछले कुछ दिनों से लेबनान और इज़रायल के बीच सीमा पर लगातार गोलाबारी हो रही है, जिससे स्थानीय आबादी में दहशत और पलायन का माहौल बन गया है। हिज़बुल्लाह और इज़रायल के बीच इस प्रकार की झड़पें पहले भी होती रही हैं, लेकिन हालिया घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि क्षेत्रीय संघर्ष और अधिक गंभीर हो सकता है।

नागरिक सुरक्षा के लिए तैयारियां

इज़रायली सरकार ने उत्तरी इलाकों के नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और कई बंकरों को खोला गया है ताकि नागरिक किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जा सकें। इज़रायल की कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़रायली वायुसेना ने भी सीमा पर हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए हैं, ताकि इस संगठन की सैन्य क्षमताओं को कमजोर किया जा सके। इस बढ़ते संघर्ष पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

हालाँकि, हिज़बुल्लाह और इज़रायल के बीच लंबे समय से जारी तनाव को देखते हुए संघर्ष-विराम की संभावना अभी धुंधली नजर आ रही है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन केवल चिंता जताने का नाटक कर रहे हैं, क्योंकि इज़रायल ने ग़ाज़ा को शमशान घाट में बदल दिया, इमारतों को ढा दिया, स्कूलों, अस्पतालों पर बमबारी करके उसे मलबे में तब्दील कर दिया और यह संगठन केवल संयम बरतने की अपील ही करते रहे। इज़रायल की मनमानी और अत्याचार पर पूरी दुनिया मूक दर्शक बनी रही।

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