इज़रायली सैनिकों के जमावड़े पर हिज़्बुल्लाह का हमला
लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध समूह हिज़्बुल्लाह ने गुरुवार की सुबह एक विस्तृत बयान जारी करते हुए बताया कि उसने दक्षिणी लेबनान के सीमावर्ती क्षेत्रों में इज़रायली सेना के ठिकानों पर भारी गोलाबारी की। इस कार्रवाई का उद्देश्य इजरायली सैनिकों की गतिविधियों को बाधित करना और सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति का जवाब देना था।
हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान में कहा, “हमने ऐतरोन शहर के आसपास दुश्मन इज़रायली सैनिकों की हरकतों पर सटीक निशाना साधते हुए तोपों से गोलाबारी की।” संगठन ने स्पष्ट किया कि यह हमला इज़रायली सेना की ओर से बार-बार होने वाली बर्बरता और उल्लंघनों के जवाब में किया गया है, जो लेबनान की सीमाओं पर आक्रामक तरीके से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रही है।
अल जज़ीरा नेटवर्क ने हिज़्बुल्लाह के इस बयान को उद्धृत करते हुए रिपोर्ट दी कि “दुश्मन की गतिविधियों को बेअसर करने और उन्हें चेतावनी देने के लिए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।” हिज़्बुल्लाह ने जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाइयां तब तक जारी रहेंगी जब तक कि इज़रायली सेना अपने अवैध और आक्रामक कदमों को रोकने के लिए तैयार नहीं होती।
हिज़्बुल्लाह के इस हमले ने एक बार फिर से लेबनान-इज़रायल सीमा पर तनाव को उजागर कर दिया है, जहां लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच संघर्ष चलता आ रहा है। इज़रायल लगातार आम नागरिकों पर हमला कर रहा है। यहां तक कि उसने ग़ाज़ा की तरह लेबनान में भी स्कूलों, और अस्पतालों पर बमबारी शुरू कर दी है।
इज़रायल के वहशियाना हमलों की उसके सहयोगी देशों(यूरोपीय देश) की जनता निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रही है। ख़ुद ग़ाज़ा में अत्याचार करने वाले इज़रायली सैनिकों ने भी अब युद्ध लड़ने से इंकार कर दिया है। उन्होंने बंधकों की रिहाई के लिए नेतन्याहू पर दबाव डालते हुए जल्द से जल्द समझौता करने की चेतावनी दी है।