ट्रंप की धमकियें पर हमास का जवाब, मध्यस्थों की निगरानी में हुए समझौते का पालन करें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फिलिस्तीनी लोगों और हमास आंदोलन को फिर से धमकी देने के बाद हमास ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। हमास के प्रवक्ता अब्दुल लतीफ अल-कानू ने कहा कि ट्रंप की हमारे लोगों के खिलाफ बार-बार दी जाने वाली धमकियां नेतन्याहू को समर्थन देने और समझौते से पीछे हटने तथा हमारे लोगों के खिलाफ घेराबंदी और अकाल को बढ़ाने के बराबर हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि शेष इज़रायली कैदियों को रिहा करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि कब्जाधारी शासन दूसरे चरण की वार्ता में प्रवेश करे और मध्यस्थों की निगरानी में हुए समझौते का पालन करे। हमास के एक अन्य प्रवक्ता हाज़िम कासिम ने ट्रंप की धमकियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये धमकियां “युद्ध-विराम समझौते में बाधा डालती हैं और कब्जाधारियों को अपने दायित्वों से बचने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। यह तब है जब यह समझौता अमेरिकी मध्यस्थता के तहत हुआ था ताकि तीन चरणों में कैदियों को रिहा किया जा सके।”
उन्होंने कहा कि, ये धमकियां युद्ध-विराम समझौते से संबंधित मुद्दों को जटिल बना देती हैं। हमास ने पहले चरण का पालन किया और इज़रायल अभी भी दूसरे चरण के समझौते से बचने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी सरकार को क़ब्ज़ाधारी शासन पर दूसरे चरण के समझौते को लागू करने के लिए वार्ता करने का दबाव डालना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने धमकी भरे शब्दों में कहा था: “हमास को या तो तुरंत सभी बंधकों को रिहा करना चाहिए और मृतकों को वापस लाना चाहिए, या फिर अपना काम खत्म समझना चाहिए। मैं इज़रायल को वह सब कुछ भेजूंगा जो हमास को समाप्त करने के लिए आवश्यक है।” उन्होंने हमास के बलों को “बीमार और पागल” बताते हुए धमकी दी: “अगर तुम वह नहीं करोगे जो मैं कहता हूं, तो हमास का कोई भी सदस्य सुरक्षित नहीं होगा। केवल बीमार और पागल लोग ही शवों को रखते हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा: “अब समय आ गया है कि तुम ग़ाज़ा को छोड़ दो, जबकि अभी भी मौका है। अगर तुम बंधक बनाओगे, तो मर जाओगे, समझदारी से फैसला करो… बंधकों को अभी रिहा करो।” उन्होंने ग़ाज़ा के लोगों को संबोधित करते हुए, जिन्हें वे अपनी भूमि से विस्थापित और निकालना चाहते हैं, यह दावा किया: “मैं तुम्हें बताता हूं कि तुम्हारे लिए एक सुंदर भविष्य इंतजार कर रहा है, लेकिन नहीं अगर तुम बंधक बनाओगे।”
बता दें कि यह पहला अवसर नहीं है, जब ट्रंप ने हमास को धमकी दी है। इससे पहले राष्ट्रपति पद संभालने के दो हफ्ते बाद ही उन्होंने हमास को धमकी देते हुए कहा था कि, अगर शनिवार तक सभी बंधक की रिहाई नहीं हुई तो ग़ाज़ा को जहन्नम बना देंगे। प्रश्न यह उठता है कि, ग़ाज़ा में अभी ऐसा कौन सा अत्याचार इज़रायल द्वारा बाक़ी रह गया है जिसे अंजाम देने की धमकी ट्रंप दे रहे हैं ?
वास्तविकता यह कि, बंधकों की रिहाई की फ़िक्र न तो नेतन्याहू को है और न ही ट्रंप को। दोनों का मक़सद, केवल बंधकों के बहाने ग़ाज़ा पर क़ब्ज़ा करने का है। ट्रंप और उनके सहयोगी व्यापारी, एलन मास्क को ग़ाज़ा में बड़ा व्यापार नज़र आ रहा है।


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