सऊदी सरकार के साथ जानकारी साझा कर रहा है गूगल
सऊदी अरब और गूगल का आपसी सहयोग गूगल यूज़र्स के लिए मुसीबत बन सकता है. डिजिटल अधिकार कार्यकर्ताओं ने गूगल पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कंपनी सऊदी सरकार के इशारों पर काम कर रही है और आले सऊद के साथ सहयोग करते हुए सरकार आलोचक सऊदी कार्यकर्ताओं के बारे में निजी जानकारी सऊदी सरकार को सौंप रही है.
गूगल और सऊदी सरकार के बीच बढ़ते सहयोग के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए डिजिटल अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि गूगल सऊदी सरकार के साथ सहयोग कर सत्ता आलोचकों की ज़िंदगी और सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है.
जर्मनी के डॉयचे वेले ने इस बारे में रिपोर्ट देते हुए कहा डिजिटल जासूसी को लेकर सऊदी अरब का रिकॉर्ड पहले ही बहुत अच्छा नहीं है. वह विदेशों में मौजूद अपने आलोचकों और विरोधियों की जासूसी के लिए इस्राईल के बदनाम स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करता रहा है साथ है सऊदी हितों के लिए काम करने तथा विरोधियों के एकाउंट हैक करने के लिए ट्वीटर का भी सहारा लेता रहा है.
डॉयचे वेले ने ने कहा कि गूगल गर्व करता है कि वह अपने यूज़र्स की जानकारी गोपनीय रखता है लेकिन दूसरी ओर वह अत्याचारी सऊदी शासन के साथ सहयोग कार रहा है ताकि रियाज़ को ह्यूमन राइट्स को पांवों तले रौंदने में और आसानी हो.
सऊदी अरब की ओर से मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर पहले भी ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल और ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट ने अपने बयान मे चेताया है. जिसके बाद कई कार्यकर्ताओं ने गूगल में निवेश करने वाले लोगों से अपील की थी वह सऊदी अरब के साथ अपने समझौते को लेकर एक बार फिर से सोचें औरहयूमन राइट्स को अहमियत दें लेकिन गूगल के सीईओ कि ओर से इस अपील को ठुकरा दिया गया और गूगल सऊदी अरब के दम्माम में एक इनफार्मेशन सेंटर बनाने जा रहा है.