खशोगी मामले में अर्दोग़ान ने बिन सलमान के साथ किया सौदा
ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले अंकारा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आलोचक जमाल खशोगी की हत्या के मामले को पूरी तरह से बंद करना चाहता है।
संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र विशेषज्ञ ने कहा था कि पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 अक्टूबर में हुई हत्या से सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का संबंध होने के ठोस सबूत हैं। पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सऊदी अऱब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पत्रकार की हत्या की मंजूरी दी थी।
तुर्की में राष्ट्रपति चुनाव का समय नज़दीक आ रहा है रजब तय्यब अर्दोग़ान ने फारस की खाड़ी के अरब देशों विशेष रूप से सऊदी अरब के साथ संबंध सुधारने की अपनी इच्छा की घोषणा की है। राय अल-योम अखबार ने भी खशोगी हत्या को स्थायी रूप से बंद करने की सूचना दी है। राय अल-योम ने लिखा कि जमाल खशोगी की हत्या के मामले के सभी दस्तावेजों को सऊदी पक्ष को सौंपने में तुर्की के अधिकारियों की कार्रवाई आखिरी बाधा थी जिसे दोनों देशों के प्रमुखों ने संबंधों का एक नया पृष्ठ खोलने के लिए पार किया है। एक ऐसा पृष्ठ जो कई राजनीतिक और भू-राजनीतिक और यहां तक कि आर्थिक और निवेश संबंधी विचारों के कारण खोलना मुश्किल लगता है।
जानकार सूत्रों के बयानों पर भरोसा करते हुए लेखक ने लिखा कि सऊदी अरब के साथ निवेश क्षेत्र में तुर्की पक्ष के अभूतपूर्व खुलेपन की छाया में रियाज और अंकारा के बीच संबंधों के पृष्ठ का उद्घाटन सऊदी अरब की हरी बत्ती पर निर्भर करता है। 2023 में तुर्की और राष्ट्रपति पद पर रजब तय्यब अर्दोग़ान के बने रहने की संभावना के लिए उसे हर हाल में सऊदी अरब को खुश रखना होगा।
राय अल-योम अखबार के अंतिम भाग में कहा गया है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि अब पूरा खशोगी मामला सऊदी अधिकारियों के हाथ में है जिससे तुर्की की न्यायपालिका कभी भी इस क्षेत्र में कोई जांच नहीं कर पाएगी। खशोगी की हत्या के बाद विवाद खत्म होने की उम्मीद में अंकारा ने आधिकारिक तौर पर इस मामले से जुड़ी सारी रिपोर्ट और सबूत सऊदी पक्ष को सौंप दिए हैं।