जनता के दिलों से प्रतिरोध की आग बुझाने में दुश्मन नाकाम: अल-क़स्साम

जनता के दिलों से प्रतिरोध की आग बुझाने में दुश्मन नाकाम: अल-क़स्साम

हमास के सैन्य विंग, शहीद इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड्स, ने एक बयान में कहा क, इज़रायली शासन के बर्बर हमलों में कई बहादुर नायक शहीद हुए। बयान में कहा गया, “हमने अपने बहादुर योद्धाओं को अपनी जनता और फ़िलिस्तीन के लिए समर्पित किया है। ये नायक जेनिन प्रांत में दुश्मन की घेराबंदी के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए।”

शहीदों की सूची में शामिल नाम
बहा इब्राहिम अबू अल-हेजा (33 वर्ष)
मोमिन इब्राहिम अबू अल-हेजा (28 वर्ष)
अमीर इब्राहिम अबू अल-हेजा (27 वर्ष)
इब्राहिम मुस्तफा क़ुनैरी (23 वर्ष)

जेनिन शिविर पर यह हमला मंगलवार रात हुआ, जब इज़रायली सेना ने इस घिरे हुए इलाके पर घातक हमले किए। ये हमले 40 दिनों से अधिक समय से जारी घेरेबंदी के तहत हुए, जिसका मकसद शिविर में रहने वाले प्रतिरोधकारियों और उनके समर्थकों को खत्म करना था।

कताएब अल-क़स्साम का बयान
कताएब अल-क़स्साम ने अपने बयान में दुश्मन इज़रायली शासन की इस योजना को पूरी तरह नाकाम बताया। उन्होंने कहा कि 40 दिनों से अधिक समय से चल रहे इस घेरेबंदी और दबाव के बावजूद इज़रायली शासन जेनिन शिविर में प्रतिरोध की भावना को समाप्त करने में असफल रहा है। क़स्साम ब्रिगेड ने इस संघर्ष को दुश्मन की एक और हार करार दिया और कहा कि यह इज़रायली शासन के उन प्रयासों की विफलता को दर्शाता है, जिनका उद्देश्य हमारे लोगों के दिलों से प्रतिरोध की ज्वाला को बुझाना है।

कताएब अल-क़स्साम ने स्पष्ट किया कि उनके शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और प्रतिरोध की यह ज्वाला और प्रज्वलित होगी। बयान में जोर देकर कहा गया कि इस संघर्ष को समाप्त करने का कोई भी प्रयास विफल होगा, क्योंकि यह प्रतिरोध लोगों के दिलों में गहराई से जड़ें जमा चुका है।

यह घटना फिलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध और उनकी स्वतंत्रता की लड़ाई के प्रति उनके अदम्य साहस का प्रतीक है, जो लगातार इज़रायली शासन के दमन और बर्बरता का सामना करते हुए शहीद हुए। इन चार शहीदों के साथ दो और नाम – हुसाम हसन कनूह और महमूद अशरफ गरबिया – भी शामिल हैं, जो इस भीषण हमले का शिकार बने।

अल-क़स्साम ब्रिगेड्स ने अपने बयान में इज़रायली शासन की असफलताओं पर जोर दिया। बयान में कहा गया, “दुश्मन ने जेनिन शिविर पर 40 दिनों से अधिक समय तक घेराबंदी की कोशिश की, लेकिन वे इसे तोड़ने में नाकाम रहे। यह घेराबंदी दुश्मन की एक और हार साबित हुई है।”

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